आईपीएस तृप्ति भट्ट ने बद्रीनाथ कोतवाली को लिया गोद
बद्रीनाथ – उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विजन के तहत राज्य में पुलिस व्यवस्था को जमीनी स्तर पर सुदृढ़ करने और ‘आदर्श थाने’ की अवधारणा को साकार करने के लिए एक महत्वपूर्ण और अभिनव पहल की शुरुआत की गई है। इस पहल के अंतर्गत भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के वरिष्ठ अधिकारी अब अपनी प्रथम नियुक्ति स्थल के एक पुलिस थाने कोतवाली/थाना को ‘गोद’ लेकर उसे विकसित करने का कार्य करेंगे।
इस कदम का दोहरा उद्देश्य है पहला, वरिष्ठ अधिकारियों को उनके शुरुआती अनुभवों से जोड़ना और उस समय से लेकर अब तक आए बदलावों का गहन अध्ययन करना और दूसरा, इन अनुभवों का लाभ उठाते हुए ग्रास रूट स्तर पर पुलिस कार्यप्रणाली की कमियों को दूर कर, बुनियादी ढांचे में सुधार कर और पुलिसकर्मियों के कल्याण पर ध्यान केंद्रित कर नए आयाम स्थापित करना।
वर्तमान में सेनानायक 40वीं वाहिनी पीएसी हरिद्वार एवं जीआरपी/एटीएस के पद पर तैनात तृप्ति भट्ट, IPS ने आगे बढ़कर कोतवाली बदरीनाथ को गोद लिया है। तृप्ति भट्ट के लिए बदरीनाथ क्षेत्र का विशेष महत्व है, क्योंकि उनकी प्रथम नियुक्ति वर्ष 2017 से 2019 के बीच इसी जनपद चमोली में हुई थी, जिसके अंतर्गत बदरीनाथ धाम आता है।
अपनी पहली तैनाती के दौरान, श्रीमती तृप्ति भट्ट ने पुलिस कल्याण और कार्यप्रणाली में सुधार के लिए कई उल्लेखनीय कार्य किए। इनमें राज्य का पहला वर्चुअल पुलिस स्टेशन शुरू करना उनकी एक प्रमुख और अभिनव पहल रही थी, जिसने पुलिसिंग के क्षेत्र में डिजिटल नवाचार का मार्ग प्रशस्त किया।
बदरीनाथ पहुंचने पर तृप्ति भट्ट ने विधिवत रूप से कोतवाली श्री बदरीनाथ को गोद लेने की प्रक्रिया पूरी की। उन्होंने थाने का गहन निरीक्षण किया, जिसमें एक चेकलिस्ट के माध्यम से वर्तमान व्यवस्थाओं, मौजूद कमियों, क्षेत्र के क्राइम ग्राफ, सुरक्षा प्रबंधन और पुलिसकर्मियों के लिए उपलब्ध सुविधाओं जैसे बैरक, कार्यालय, भोजनालय और शौचालयों की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने थाने की तैयारियों का बारीकी से आकलन किया, जिस पर उन्होंने संतोष व्यक्त किया तथा आवश्यक निर्देश भी दिए।
अपने इस दौरे के दौरान, उन्होंने मन्दिर सुरक्षा में वहां तैनात एंटी-टेररिस्ट स्क्वाड (ATS) के जवानों को भी ब्रीफ किया और उन्हें आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए। उन्होंने एटीएस द्वारा तैयार किए गए टास्क की मॉनिटरिंग की। भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में लगातार चैकिंग-फ्रिस्किंग, अभिसूचना संग्रह, सत्यापन पर विशेष ध्यान देते हुए संयुक्त अभियान चलाने के निर्देश दिए। महिलाओं की सुरक्षा पर विशेष ध्यान रखने तथा दर्शन के दौरान बुजुर्ग, बीमार और दिव्यांगों को प्राथमिकता देने का आह्वान किया। साथ ही, सभी पुलिसकर्मियों को जनता के प्रति मित्रवत व्यवहार रखने और सेवाभाव से कार्य करने पर बल दिया।