उत्तराखंड

97 गवाह, 3 साल की सुनवाई तब जाकर अंकिता को मिला इंसाफ, तीनों आरोपी दोषी करार,उम्रकैद की हुई सजा

कोटद्वार – 97 गवाह, 3 साल की सुनवाई तब जाकर अंकिता को मिला इंसाफ, तीनों आरोपी दोषी करार उत्तराखंड के जिस अंकिता मर्डर केस को लेकर देशभर में रोष देखने को मिला था, उस उस मामले में कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है।

97 में से 47 गवाहों की गवाही और लगभग तीन साल की लंबी सुनवाई के बाद उत्तराखंड की बेटी अंकिता भंडारी को इंसाफ मिल ही गया। इस चर्चित हत्याकांड में कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए तीनों गुनाहगारों को दोषी करार दिया है। यह मामला सितंबर 2022 से ही विचाराधीन था। इसलिए आज कोर्ट के फैसले पर हर किसी की नजर टिकी रही। फैसले वाले दिन इंसाफ की आस में अंकिता के माता-पिता कोर्ट परिसर पहुंच थे। अंकिता के माता-पिता को इस मामले में इंसाफ की उम्मीद थी। कोर्ट का फैसले आने से पहले अंकिता के पिता ने कहा था कि मुझे उम्मीद है कि उनकी बेटी को न्याय मिल पाएगा। अंकिता के पिता ने कहा कि मैं कोर्ट से यह मांग करूंगा कि इनको मौत की सजा दी जाए।

फैसले से पहले क्या बोले अंकिता के माता-पिता-

अंकिता के पिता की आंखों में उनकी बेटी को खोने का गम साफ झलक रहा था। फैसले से ठीक पहले उन्होंने कहा था कि उन्होंने मेरी बेटी को मारा है। इस मामले में उत्तराखंड के लोगों ने उनके साथ दिया है, उसके लिए वह हाथ जोड़कर सभी का अभिनंदन करते हैं। अंकिता की मां ने कहा था कि उन्हें कोर्ट पर पूरा भरोसा है कि उनकी बेटी को न्याय मिलेगा। अंकिता भंडारी के मर्डर से पूरे देश में काफी रोष था। उत्तराखंड में जगहों-जगहों पर इस मामले में इंसाफ के लिए प्रदर्शन हुए थे। अंकिता भंडारी हत्याकांड में कोटद्वार की अदालत ने अपना फैसला सुना दिया।

पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लॉक की 22 साल की अंकिता भंडारी की 18 सितंबर 2022 को हत्या कर दी गई थी। अंकिता भंडारी यमकेश्वर ब्लॉक में ही बने वनतरा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट का काम करती थी। अंकिता भंडारी 18 सितंबर 2022 को यमकेश्वर के वनतरा रिजॉर्ट से लापता हो गई थी. छह दिन बाद 24 सितंबर को चीला पावर हाउस इनटेक में नहर से एसडीआरएफ ने अंकिता भंडारी का शव बरामद किया था। इस मामले में पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। पुलकित को मुख्य आरोपी बनाया गया था। मामले के खुलासे को लेकर डीआईजी (कानून-व्यवस्था) पी. रेणुका देवी के नेतृत्व में एसआईटी टीम गठित की गई थी।

एसआईटी जांच के बाद अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत में 500 पेज का आरोपपत्र दाखिल किया था. तीनों हत्यारोपियों रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, उसके कर्मचारी सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता पर आरोप तय होने के बाद 28 मार्च 2023 से अभियोजन पक्ष की गवाही शुरू हुई थी। कोटद्वार स्थित एडीजे कोर्ट में 30 जनवरी 2023 को मामले की पहली सुनवाई हुई थी। करीब दो साल और आठ महीने तक चली सुनवाई में अभियोजन पक्ष की ओर से जांच अधिकारी समेत 47 गवाह अदालत में पेश किए गए. जिसके बाद कोर्ट का फैसला आया।

हालांकि एसआईटी ने इस मामले में 97 गवाह बनाए थे, जिनमें से 47 अहम गवाहों को ही अदालत में पेश किया गया। गत 19 मई को अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता विशेष लोक अभियोजक अवनीश नेगी की ओर से बचाव पक्ष की बहस का जवाब देकर सुनवाई का सिलसिला समाप्त किया गया था। अदालत ने दोनों पक्षों की बहस और दलीलें सुनने के बाद फैसला सुनाने के लिए 30 मई की तिथि निर्धारित की थी।

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