यदि कुछ करने का जुनून है तो आड़े नही आती व्यवस्थाएं
तीन विकास खण्ड के उपखण्ड ,दो विकास खण्ड के खंड शिक्षा अधिकारी की जिम्मदारी निभा रहे हैं -अजीत भण्डारी
उत्तरकाशी- यदि कुछ करने का जुनून हो तो व्यवस्था आड़े नहीं आती।देश सेवा में जिस तरह हमारे सैनिक हर कठिन से कठिन कार्य को करने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं वे कभी भी सुविधा की मांग नहीं करते जहां भी सेवा के लिए भेज दिया जाता है समर्पित होकर खुशी खुशी से सेवा करता है।इसी तरह हर सरकारी सेवा में भी बहुत से अधिकारी अपनी सेवा बखूबी निभा रहे हैं ।जनपद उत्तरकाशी के तीन विकास खण्डों के जिम्मदारी बखूबी निभा रहे हैं खण्ड शिक्षा अधिकारी अजीत भण्डारी। मोरी, पुरोला, नौगांव में प्राथमिक विद्यालय की संख्या लगभग-441 हाईस्कूल इण्टर कॉलेजों की संख्या व 47 है।
मोरीविकास खण्ड के दूरस्थ गांव चिंवा,ओसला, मसरी जहां कई किलोमीटर आज भी पैदल ही चलना पड़ता है।पुरोला के सरबड़ियार व कमरा सांखल ।नौगांव के खरसाली, डामटा।जो लगभग 300 किलोमीटर में फैला हुआ है। विभाग से कोई वाहन की भी कोई सुविधा … छात्रों की पढ़ाई के लिए अजीत नये नये प्रयोग भी करते हैं ,सपनों की उड़ान हो या खेल कूद, बच्चों का लेख बि अच्छा हो उसके लिए ब्लाक स्तर पर लेखन प्रतियोगिता भी कराई जाती है जिसमें पूरे ब्लाक के छात्र छात्रएं भाग लेती हैं।
जो छात्र प्रथम, द्वितीय, तृतीय आते हैं उन्हें पुरुस्कार से नवाजा जाता है।शिक्षको की भी समस्याओं निराकरण करने की पूरी कोशिश करते हैं। तीन विकास खण्डों में दो खण्ड शिक्षा अधिकारी, छह उपखण्ड शिक्षा अधिकारी का कार्यभार एक अधिकारी ही देख रहे हैं।सरकार जहाँ शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाना चाह रही है वहां अधिकारियों व शिक्षको की भी भारी कमी है ।शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत हमेशा अपना रट रटाये शब्द कहते हैं कि बहुत अच्छी व्यवस्थाये होगी।किसी तरह की असुविधा आड़े नहीं आएगी।
यदि धरातल पर देखें तो जमीनी हकीकत साफ वयां कर रही है कि एक अधिकारी सैकड़ों विद्यालयों को अकेले देखता है।यदि विद्यालयों में कोई कमी पाई गई तो अधिकारी के ही जबाब तलब किये जाते हैं।कई तरह से जूझने से भी जो अधिकारी सेवाभाव से सेवा करता है वह कभी परेशान नहीं होता।उसका जीता जागता उदाहरण है खण्ड शिक्षा अधिकारी अजीत भण्डारी।