उत्तराखंड

आजादी के बाद आजतक गाँव तक नहीं पहुँच पाई सड़क

पांच किलोमीटर तक आज भी पीठ व कंधों पर ढोते हैं जीवनचर्या का सामान

तीन गाँव के लोग सड़क के अभाव के कारण धीरे धीरे कर रहे हैं पलायन

गाँव के लोगों को विधायक दुर्गेश्वर लाल ने दिया सड़क पहुचाने का आश्वासन

पुरोला- पुरोला तहसील के अंतर्गत तीन गाँव आज आजादी के 76 साल बीत जाने के बाद भी आजतक सड़क से जुड़ नहीं पाया।इन तीनों गाँव ( 1- सुराणु की सेरी 2- तेगड़ा3- पुसेली) के लोग आज भी अपनी पीठ व कंधों पर सामान ढोते हैं।पुसेली गाँव से तो कई परिवार पलायन कर चुके हैं जबकि उन परिवारों की सैकड़ों नाली जमीन आज भी उन परिवारों के आने की राह देख रहे हैं। सड़क पहुँचने पर वे परिवार फिर से अपने गांव में रहना चाहते हैं।सुराणु की सेरी में आज भी कई परिवार अपनी खेती बाड़ी से जुड़े हैं ।पहले इस गांव में प्राथमिक विद्यालय भी नहीं था ,बच्चे 5 किलोमीटर दूर सुकडाला पढ़ने के लिए आते थे। वर्तमान में एक सरकारी प्रथमिक विद्यालय है।लेकिन कक्षा 6 में पढ़ने के लिए बच्चों को फिर 10किलोमीटर आना जाना पड़ता है ।बीच में जंगल होने से जंगली जानवरों का भी भय बना रहता है।

गाँव वाले कई बार लोनिवि के चक्कर लगाने को मजबूर हैं।प्रधान जगदीश का कहना है कि सड़क धिवरा से सुरणुकीसेरी 2006 में स्वीकृत है वहां से लगभग एक दर्जन पेयजल लाइनें है सबके स्रोत भी उसी सड़क के अंदर आ रही है।बांज बुराँस के भी कई हरे पेड़ खड़े हैं।जिन गांव की पेयजल स्रोत हैं उनकी भी आपत्ति है ।जिस कारण सड़क आजतक नही बन पाई है।तीनो गांव के लोगों ने एक आम सहमति बनाई है कि सड़क का समरेखण बदल कर मोरी जरमोला मोटर मार्ग किलोमीटर 7 से नए सिरे से सर्वे किया जाय ताकि तीनों गांव के लोगों को फायदा मिल सके।तीनों गांव के लोगों ने लोनिवि के अधिशासी अभियंता को अपना प्रस्ताव सौंपा।तेगड़ा गांव के राकेश सेमवाल का कहना है कि तीनों गांव को जोड़ने वाली सड़क का सर्वे जरमोला मोरी मोटर 7 किलोमीटर से किया जाना अतिआवश्यक है।

विधायक दुर्गेश्वर लाल ने भी लोनिवि के अधिकारी को जल्दी कार्यवाही करने को कहा है। लोनिवि के अधिशासी अभियंता बलराम मिश्रा ने कहा कि बहुत जल्दी सड़क का सर्वे करवा दिया जाएगा।

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