मुख्यमंत्री धामी 19 से मध्य प्रदेश व राजस्थान के दौरे पर
मध्य प्रदेश और राजस्थान के विधानसभा चुनाव में प्रचार का आया आमंत्रण
अब तक 16 सीटों पर आई रैली की डिमांड, जनता से करेंगे सीधा संवाद
जनहित में लिए गए साहसिक फैसलों ने धामी को बनाया जनप्रिय
देहरादून। भाजपा मध्य प्रदेश और राजस्थान के चुनाव में उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की लोकप्रियता को भुनाने की तैयारी में है। इन दोनों राज्यों में चुनाव का कार्यक्रम घोषित होने से पूर्व ही माहौल बनाने के लिए पार्टी को अन्य प्रदेशों के कुछ चुनिंदा मुख्यमंत्री की जरूरत महसूस हो रही है, जिनमें से एक पुष्कर सिंह धामी भी हैं। पहले चरण में तकरीबन 16 सीटों पर उनकी रैली करने की डिमांड आ चुकी है। उनके अलावा उत्तराखण्ड के कुछ विधायकों को भी मध्य प्रदेश व राजस्थान के चुनावों की जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। 19 से 21 सितम्बर तक धामी इन दोनों प्रदेशों के भ्रमण पर रहेंगे।
मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री पुष्क्र सिंह धामी की डिमांड ज्यादा है। वहां मौजूदा सरकार भाजपा की है। भाजपा की ओर से मध्य प्रदेश में आशीर्वाद यात्रा शुरू की गई है, जिसके तहत पार्टी के कई बड़े नेता विभिन्न जिलों में पहुंचेंगे और लोगों से वोट की अपील करेंगे। दूसरे राज्य राजस्थान में भी भाजपा परिवर्तन यात्रा निकाल रही है। दोनों ही राज्यों में धामी को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है। निर्धारित कार्यक्रम के तहत धामी मंगलवार और गुरुवार तक मध्यप्रदेश और राजस्थान के भ्रमण पर रहेंगे। मंगलवार को वह मध्यप्रदेश रवाना होंगे। वहां खुरई, हड़कल खाती, ढाना आदि स्थानों में जनसभा व अन्य विभिन्न कार्यक्रमों में शिरकत करने के बाद 20 सितम्बर की दोपहर वह राजस्थान के लिए रवाना होंगे। झालावाड़, पिपलिया डाग, रामगंज मण्डी, सांगोद, लडपुरा व कोटा में भी धामी चुनावी कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। 21 सितम्बर की दोपहर वह कोटा से देहरादून लौटेंगे।
दरअसल, पुष्कर सिंह धामी ने बतौर मुख्यमंत्री अभी तक के अपने लगभग दो वर्ष के कार्यकाल में जनहित में कई साहसिक और एतिहासिक फैसले लिए हैं। जिनमें नकल विरोधी कानून, सख्त धर्मांतरण कानून लागू करना शामिल हैं। इसके अलावा जमीन जेहाद के खिलाफ चलाया गया उनका बुल्डोर पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। इतना ही नहीं समान नागरिक संहिता लागू करने को लेकर उनके द्वारा प्रदेश में की गई ठोस पहल को को भी समूचे देश में सराहना मिली है। विस्तार ले रही रही उनकी लोकप्रियता की वजह से अन्य प्रदेशों के चुनाव में भी उनकी डिमांड बढ़ी है।