उत्तराखंड

हर एक के देव थे, निरंकारी बाबा हरदेव सिंह जी महाराज

देहरादून – निरंकारी बाबा हरदेव सिंह जी महाराज का जन्म 23 फरवरी 1954 को दिल्ली में बाबा गुरबचन सिंह जी और राजमाता कुलवंत कौर के घर हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा यादविन्द्रा पब्लिक स्कूल, पटियाला , पंजाब से पूरी की और बाद में स्कूली शिक्षा रोज़री पब्लिक स्कूल, संत निरंकारी कॉलोनी, दिल्ली से पूरी की। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक किया ।

1975 में बाबा हरदेव सिंह जी महाराज की शादी वार्षिक निरंकारी संत समागम के दौरान सविंदर कौर से बड़ी शादगी से हुई। बाबा हरदेव सिंह जी महाराज 1971 में निरंकारी सेवा दल के सदस्य बने। 1980 में बाबा गुरबचन सिंह जी की हत्या के बाद निरंकारी मिशन के चौथे सद्गुरु के रूप में प्रकट हुए । 2005 में, उन्होंने नई दिल्ली में संत निरंकारी सरोवर परिसर में निरंकारी संग्रहालय की स्थापना की। संत निरंकारी मिशन की स्थापना 1929 में बूटा सिंह ने की थी ,उन्होंने 1947 में बाबा अवतार सिंह जी को प्रथम सद्गुरु बनाया। 1947 में भारत के विभाजन के बाद, पश्चिमी पंजाब से दिल्ली में अपना आधार स्थानांतरित करने के बाद मिशन का प्रचार प्रसार शुरू हुआ । 2016 तक, संगठन के दुनिया भर में 2000 केंद्र और लाखों अनुयायी हैं।

बाबा हरदेव सिंह जी की 13 मई 2016 को मॉन्ट्रियल, क्यूबेक , कनाडा के पास ऑटोरूट 30 पर एक कार दुर्घटना में ब्रह्मलीन हो गये।आज पूरे विश्व में बाबा हरदेव सिंह जी महाराज की याद में समर्पण दिवस के रूप में मनाया जा रहा है ।
देहरादून हरिद्वार वाईपास सत्संग भवन में विशाल समागम का आयोजन हुआ ,जिसमें हजारों अनुयायियों ने भाग लिया।संगत को सम्बोधित करते हुए मसूरी जॉन के जोनल इंचार्ज हरभजन सिंह  ने कहा कि बाबा हरदेव सिंह जी केवल निरंकारी मिशन के लिये नही बल्कि पूरे संसार के लिए ही पैदा हुए। उन्होंने हमेशा मानवता को एक करने का काम किया।बाबा हरदेव सिंह जी महाराज ने  पूरे विश्व में रक्तदान शिविर का आयोजन करवाया जो आज पूरे विश्व में निरंकारी मिशन सबसे ज्यादा रक्तदान करता आ रहा है।हर वर्ष निरंकारी मिशन हजारों यूनिट खून दान करता आ रहा है।

बाबा हरदेव सिंह जी महाराज ने समाज को सैकड़ों उपलब्धि दी,पूरे देश में पर्यवरण को बचाने के लिए लाखों पौधे लगवाये।समाज की जो जरूरी आवश्यकता थी उसे निरंकारी मिशन ने बखूबी निभाया। देहरादून ब्रांच के सयोजक नरेश विरमानी  ने पूरी संगत का आभार प्रकट करते हुए कहा कि बाबा जी सबको प्यार करते थे हम भी सबसे प्यार करते रहे ,तभी भाईचारा कायम रहेगा। उन्होंने कहा कि आने वाले 19 मई को देहरादून हरिद्वार बाईपास सत्संग भवन के मैदान में निरंकारी सद्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज की छत्रछाया में एक विशाल सन्तसमागम का आयोजन होगा।जिसे सुनकर पूरी संगत में खुशी की लहर दौड़ पड़ी।संगत  में हजारों लोगों ने भाग लिया।

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