उत्तराखंड

देहरादून में खोला गया देश का पहला कचरा बैंक, कैंट बोर्ड की ओर से की गई पहल 

देहरादून। देहरादून में देश का पहला कचरा बैंक खोला गया है। जो कि घरों, सड़कों से गंदगी को साफ करेगा। साथ ही आमदनी का माध्यम भी बनेगा। इस बैंक से पॉलीथिन एकत्र कर आगे भेजा जाएगा, जिससे टाइल्स, बोर्ड, गमले आदि सजावटी सामान बनाये जाएंगे। देहरादून के छावनी परिषद देहरादून में पॉलीथिन कचरा बैंक का उद्घाटन किया गया है। बताया गया है कि यह देश का प्रथम ऐसा बैंक है जो घरों, सड़कों से गंदगी को साफ करेगा। खास बात ये है कि यहां कचरा देने पर पैसे भी मिलेंगे। इस बैंक से पॉलीथिन एकत्र कर आगे भेजा जाएगा, जिससे टाइल्स, बोर्ड, गमले आदि सजावटी सामान बनाये जाएंगे। देहरादून में कैंट बोर्ड की ओर से ये पहल की गई है।​

स्मृति मंधाना का जबरा फैन का अनोखा कारनामा, एक झलक पाने के लिए किया 1200 किमी. ट्रेवल पॉलिथीन कचरे के निस्तारण के लिए कैंट बोर्ड देहरादून की ओर से पॉलिथीन कचरा बैंक की स्थापना की है। जहां पर तीन रुपये प्रति किलो के हिसाब से पॉलिथीन कचरे को लिया जा रहा है। देहरादून में ऐसे तीन बैंको की स्थापना की गई है। दो बैंक गढ़ी और तीसरा प्रेमनगर में खोला गया है। Powered By PlayUnmute Loaded: 1.38% Fullscreen इस बैंक में हर माह न्यूनतम 70 टन और अधिकतम 100 टन तक पाॅलिथीन कचरा खरीदने का लक्ष्य है।

इन संग्रहण केंद्रों में पॉलिथीन अपशिष्ट जैसे बैग, चिप्स रैपर, पैकिंग बैग, प्लास्टिक के कट्टे, ब्रेड के रैपर आदि तीन रुपये प्रति किलो के हिसाब से खरीदे जाएंगे। कैंट बोर्ड के सीईओ अभिनव सिंह ने कहा कि वर्तमान में पाॅलिथीन बैग, चिप्स रैपर, पैकिंग बैग, प्लास्टिक के कट्टे आदि को लो वैल्यू प्लास्टिक की श्रेणी में रखा जाता है। इनका न कोई खरीदार हैं और न बाजार। कूड़ा बीनने वाले भी प्लास्टिक की बोतलें, कांच आदि को उठा लेते हैं पर पाॅलिथीन बैग, चिप्स रैपर आदि नहीं लेते। कहा कि पाॅलिथीन कचरा बैंक इसी समस्या को सुलझाएगा। बताया कि पाॅलिथीन आदि से दुर्गन्ध नहीं आती है। लोग 15-20 दिन का पॉलिथीन कचरा एक साथ इकट्ठा कर बेच सकते हैं।

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