जिलाधिकारी ने जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के क्रियान्वयन की समीक्षा
उत्तरकाशी – जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत परिसंपत्तियों के सृजन पर जोर देते हुए कहा है कि मनरेगा के तहत प्राथमिकता के आधार पर आंगनवाड़ी केन्द्रों का निर्माण, प्राथमिक विद्यालयों में अतिरिक्त कक्षों का निर्माण, एएनएम सेंटर्स निर्माण, पंचायत भवन व बारातघर जैसे सामुदायिक सुविधाओं से जुड़ी परिसपत्तियां सृजित करने का काम किया जाय।
जिलाधिकारी डा. मेहरबान सिंह बिष्ट ने जिला मुख्यालय पर आयोजित एक बैठक में जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के क्रियान्वयन की समीक्षा करते हुए कहा कि मनरेगा के साथ अन्य विभागीय योजनाओं का कनवरजेंस कर स्थाई एवं सामुदायिक परिसंपत्तियां जुटाने को प्राथमिकता दी जाय। इसके लिए संबंधित विभाग के साथ समन्वय व सर्वेक्षण कर आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए अगले तीन-चार सालों की कार्ययोजना का खाका तैयार करने के निर्देश देते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि जिले में हर साल मनरेगा से न्यूनतम 25 करोड़ और विभागों के स्तर से 25 करोड़ की लागत का कनवरजेंस कर स्थायी परिसंपत्तियों का सृजन का प्रयास किया जाय। उन्होंने मेरा गांव- मेरी सड़ंक की योजनाओं के अधिकाधिक प्रस्ताव रखे जाने के साथ ही चारधाम यात्रा मार्गों पर स्थानीय उत्पादों के बाजार तैयार कर महिला स्वयं सहायता समूहों को इससे जोड़े जाने के भी निर्देश दिए।
बैठक में जिलाधिकारी ने मनरेगा के तहत समयबद्ध भुगतान सुनिश्चित करने के साथ ही पिछले सालों की लंबित देनदारियों का अविलंब निस्तारण करने के निर्देश देते हुए कहा कि इस मामले में देरी के लिए संबंधित खंड विकास अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी। जिलाधिकारी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और विकास के इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम को व्यापक व प्रभावी ढंग से क्रियान्वित किया जाना जरूरी है। उन्होंने जिले के मनरेगा में पंजीकृत सभी श्रमिकों का आधार सीडिंग ओर एबीपीएस को शत-प्रतिशत पूर्ण करने तथा नियमानुसार रोजगार के अधिकाधिक अवसर प्रदान करने के निर्देश भी दिए।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी एस एल सेमवाल, अपरजिलाधिकारी देवानंद शर्मा, परियोजना निदेशक डीआरडीए अजय सिंह, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी चेतना अरोड़ा, जिला विकास अधिकारी रमेश चन्द्र सहित सभी खंड विकास अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।