उत्तराखंड

ग्राम पंचायत अठाली में महिलामंल दल ने बसंत पंचमी के त्यौहार को प्रकृति नमन दिवस के रूप में मनाया

डुंडा (उत्तरकाशी) –  हैस्को संस्थान के संस्थापक पदम श्री एवं पद्म भूषण डाक्टर अनिल प्रकाश जोशी जी के मार्गदर्शन में देश भर में अनेक स्थानों पर प्रकृति नमन दिवस मनाया गया,इसी क्रम में श्री केदार जन विकास समित डुण्डा द्वारा भी जनपद उत्तरकाशी के सीमांत ब्लाक भटवाड़ी के ग्राम पंचायत अठाली में महिलामंल दल के सहयोग से बसंत पंचमी के त्यौहार को प्रकृति नमन दिवस के रूप में मनाया गया, इस मौके पर भारतीय प्रबंधन संस्थान काशीपुर के उद्यमिता विकास विभाग के मुख्या उद्यमिता विकास अधिकारी, श्री राम कुमार ने कहा कि भारतीय परंपरा में प्रकृति के प्रति आदरभाव गहराई से जुड़ा हुआ है। बसंत पंचमी न केवल विद्या और ज्ञान की देवी मां सरस्वती की आराधना का दिन है, बल्कि यह ऋतु परिवर्तन और प्रकृति के नवनिर्माण का उत्सव भी है।
नेचर नेटवर्क के जिला समन्वय व घराट श्रृंखला के संस्थापक अनिल डंगवाल जी ने कहा कि प्रकृति सर्वोपरी है,
बसंत पंचमी के दिन हम सरसों के पीले फूलों, आम्र-मंजरी, और हरियाली के सौंदर्य का स्वागत करते हैं। यह दिन हमें सिखाता है कि प्रकृति के चक्र का सम्मान करें और उसके साथ सामंजस्य स्थापित करें। ऋतुराज बसंत जीवन में नवीकरण, ऊर्जा और सकारात्मकता का प्रतीक है।
हिमालयन एजुकेशनल एण्ड रिसोर्स डेवलपमेंट के सचिव श्री देवेश कोठारी जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि ग्रामीण समुदाय प्रकृति का सबसे सुंदर उपभोग व संरक्षण करता है,ग्रामीण परिवेश दुनियाभर में सबसे सुंदर और सुरक्षित परिवेश है, इस पर्व का संदेश यही है कि हम प्रकृति से प्रेरणा लेकर ज्ञान, समृद्धि और संतुलन की ओर बढ़ें।
सामाजिक कार्यकर्ता  जितेंद्र गुसांई ने कहा कि यह सराहनीय कदम है कि देश के उच्च प्रबंधन संस्थान के अधिकारी गण व सामाजिक संगठन के लोग प्रकृति की पैरवी के लिए सीमांत विकास खण्ड के गाँव अठाली पहुँचे हैं, महिला मंगल अध्यक्षा रोशनी राणा के साथ बड़ी संख्या में महिलाओ ने प्रतिभाग किया और अपने स्तर से प्रकृति की रक्षा व सम्मान की बात कही,

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