उत्तराखंड

वसंत पंचमी पर बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने का दिन हुआ तय, 4 मई को खुलेंगे कपाट

चारधाम यात्रा – वसंत पंचमी पर बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने का दिन  तय हो गया है तीन माह बाद होंगे बदरीविशाल के दर्शन
वसंत पंचमी के पावन अवसर पर बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय हो गई है। भगवान बदरी विशाल के दर्शन चार मई से होंगे। धर्माचार्यों ने पंचाग गणना के अनुसार श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय की। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार वसंत पंचमी के दिन तेल पिरोने की तिथि भी तय हो गयी है  और उसके बाद तेल को गाडू घड़े में भरा जाएगा।
भगवान बद्री विशाल धाम के कपाट खुलने की तिथि  तय हो गई। डिमरी पुजारी गाडू घड़ा (तेल कलश) लेकर ऋषिकेश पहुंचे।  टिहरी जिले के नरेंद्रनगर राजमहल में गाडू घड़ा पहुंचेगा।

धार्मिक मान्यता के अनुसार वसंत पंचमी के दिन बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय की जाती है। इस दिन तेल पिरोने की तिथि भी तय होती है।। उसके बाद तेल को गाडू घड़े में भरा जाएगा। तब तक गाडू घड़ा राजमहल में ही रहेगा।

इस यात्रा वर्ष में श्री बदरीनाथ धाम के कपाट चार मई को सुबह छह बजे खुलेंगे। नरेंद्र नगर, टिहरी स्थित राजमहल में बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर आयोजित सादे धार्मिक कार्यक्रम में राज परिवार, श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति, श्री डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत की उपस्थिति में धर्माचार्यों ने पंचाग गणना के अनुसार श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय की।
वहीं, 22 अप्रैल को गाडू घड़ा (पवित्र तेल कलश) के लिए तिलों से तेल पिरोने की तिथि निर्धारित की गई है। बता दें कि बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से चलती है। शनिवार को डिमरी पुजारियों के गांव डिम्मर में लक्ष्मी नारायण मंदिर से पूजा अर्चना और बाल भोग के बाद गाडू घड़ा को ऋषिकेश के लिए रवाना किया गया।

देर शाम तीर्थनगरी में बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के विश्राम गृह में गाडू घड़ा यात्रा पहुंची। शाम को डिमरी पुजारियों ने परंपरा के अनुसार विश्राम गृह में सांध्य कालीन आरती की। पुजारी शैलेंद्र प्रसाद डिमरी, नरेश डिमरी, हरीश डिमरी, अरविंद डिमरी गाडू घड़ा यात्रा के साथ पहुंचे।

12वें ज्योर्तिलिंग में शामिल केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि महाशिवरात्रि पर्व यानी 26 फरवरी को तय की जाएगी। बद्री-केदार मंदिर समिति की देखरेख में कपाट खुलने की तिथि निश्चित की जाएगी।
पौराणिक परंपराओं के अनुसार प्रतिवर्ष महाशिवरात्रि पर्व पर केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि घोषित होती है। जबकि, कपाट बंद होने की तिथि पौराणिक काल से ही भैयादूज पर्व पर निश्चित है।

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