उत्तराखंड

मानव से मानव को हो प्यार, यही सीख दी रहा है निरंकारी मिशन- हेमराज शर्मा

देहरादून – देहरादून के मोहब्बेवाला क्लेमेनटाउन के एक खुले मैदान में सन्त निरंकारी मिशन का एक विशाल सन्त समागम का आयोजन हुआ, जिसमें सैकड़ों अनुयायियों ने भाग लिया।समागम को सम्बोधित करते हुए हेमराज शर्मा ने कहा कि निरंकारी मिशन पूरे विश्व में आपसी भाईचारा, प्रेम बन्धुत्व को कायम रखने के लिए जगह जगह माइक से आवाज दे रहा है कि मनुष्य योनि में ही परमात्मा के दर्शन हो सकते हैं।हर युग में पैगम्बर ने मनुष्य को भगवान के दर्शन कराये हैं।उन्होंने भागवत गीता का सहारा लेते हुए कहा कि अर्जुन और श्रीकृष्ण आपस मे सखा भी थे, रिश्तेदार भी थे,लेकिन अर्जुन को श्रीकृष्ण ने अपना विराटस्वरूप के दर्शन कुरुक्षेत्र में ही कराये।आज मानवता को बचाने का कार्य निरंकारी मिशन बखूबी कर रहा है।

बड़े बड़े पण्डालों से आवाज दी जा रही है कि आओ प्रभु के दर्शन कर लो फिर भी हम सोचते  ही रहते हैं  कि जो आवाज दी जा रही है ये सत्य है या जो मैं जगह जगह भगवान को ढूंढ रहा हूँ वह सत्य है।उसी कसम कस में जीवन बिता रहा है।हेमराज शर्मा ने कहा कि एक राजा ने इच्छा जाहिर की कि क्यास्वर्ग के दर्शन हो सकते हैं तो जिस विद्वान से पूछा उसने किसी और तरफ इसारा करके कहा कि एक विद्वान दूर शहर में रहता है वही सक्षम है।राजा जब उसके पास गया तो उस विद्वान ने एक दो दिन का समय मांगा ।दो दिन बाद राजा ने कहा कि स्वर्ग के दर्शन कराओ।उसने राजा से एक ऊंची पहाड़ी पर चढ़ने को कहा ,जब चोटी पर पहुंच गए तो फिर विद्वान ने शर्त रखी कि जिसने कोई पाप न किया हो इसे ही स्वर्ग  के दर्शन होंगे।राजा के साथ काफी लोग गए थे।विद्वान ने अपनी एक अंगुली उठा कर कहा देखो ऊपर भगवान का दरबार सजा है।स्वर्ग में आनन्द ले रहे हैं सभी सुख साधन हैं ।

सभी को कहा कि क्या भगवान के दर्शन हो रहे हैं तो सब एक दूसरे को देखने लगे ,यदि न कहें तो पापी ।इसलिये सबने हां कह दिया।सच्चाई के साथ खड़े होने पर भी इंसान डर रहा है। सत्संग में हिंदी,गढ़वाली,अंग्रेजी, पंजाबी,नेपाली भाषा का भी सहारा लिया गया।हर एक वक्ता एक ही आवाज दे रहा था कि भगवान के दर्शन कर लो।समागम में सैकड़ों लोगों ने भाग लिया ।देहरादून ब्रांच के संयोजक नरेश विरमानी ने आयी पूरी संगत का आभार प्रकट किया। उन्होंने बताया है कि इस तरह के आयोजन पूरे विश्व भर में होते रहते हैं ताकि लोग सच्चाई को जान सकें।

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