उत्तराखंड

शिक्षा महानिदेशक का फरमान, बिना पास की नो एंट्री,शिक्षा संगठन हुआ नाराज

देहरादून – शिक्षा महानिदेशक झरना कमठान  ने एक आदेश जारी किया कि निदेशालय में बिना ऑनलाइन पास के कोई भी शिक्षक व कर्मचारी प्रेवश नहीं करेंगे, जिससे शिक्षक संगठन बेहद नाराज हो गया।राजकीय प्रदेश शिक्षक संगठन के अध्यक्ष राम सिंह चौहान ने खुली बगावत शुरू कर दी।उन्होंने अपने लिखित पत्र में लिखा है कि इन बड़े-बड़े भवनों को अन्य किसी विकास कार्यों में लगा दिया जाय।जो लोग निदेशालय / महानिदेशक में कार्य कर रहे हैं उन्हें तत्काल हटा दिया जाय क्योंकि शिक्षकों को इनसे कोई लाभ नहीं मिल रहा है केवल अधिकारी आपने चहेतों को इन ऑफिसों में सालों से अटैच कर रखा है।शिक्षक संगठन ने सख्त चेतावनी दी है कि यदि अटैचमेंट की व्यवस्था को समाप्त नहीं किया गया तो संगठन पूरे प्रदेश में आंदोलन शुरू कर देगा ।रामसिंह चौहान ने कहा कि 2008 से अभी तक पदौन्नति नही हुई है जबकि अन्य सभी विभागों में पदौन्नति हो रही है।शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत,सचिव ,महानिदेशक, निदेशक से कई बार वार्ता हो गयी लेकिन कोई भी कार्य नहीं होते, दो दशक बीत जाने पर केवल इस समय अन्तरमण्डलिय तबादले हुए हैं।उसमें भी अधिकारियों ने बहुत बड़ी धाधली की है ।दोनों मंडलो से लगभग 465शिक्षकों को 30 जनवरी को काउंसलिंग के माध्यम से तबादले होने थे लेकिन 99 शिक्षकों को अंतिम सूची से हटाया गया । केवल 366शिक्षकों को ही लाभ मिल पाया। 99 शिक्षक आज भी अधिकारियों से अपने तबादले के लिए गुहार लगा रहे हैं।शिक्षा मंत्री को कुछ शिक्षक जब अन्तरमण्डलिय तबादले को लेकर मिलने गये तो उन्हें अपनी पीड़ा को बताने का समय ही नही दिया है। शिक्षकों की पीड़ा को दरकिनार किया जा रहा है जिस कारण शिक्षा व्यवस्था पर इसका बुरा असर पड़ रहा है।अधिकारी अपनी मौज कर रहा है जो सालों से पदौन्नति,चयन वेतनमान, वेतन वृद्धि, वेतन विसंगति, यात्रा अवकाश की मांग कर रहे हैं  व तबादला चाह रहे हैं उनकी तरह कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।प्रदेश अध्यक्ष राम सिंह चौहान ने दो टूक शब्दों में कहा है कि इन बड़े बड़े भवनों पर अन्य किसी विभाग को शिफ्ट किया जाय।

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