उत्तराखंड

शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मनमानी से शिक्षक डॉ0 कुलदीप गौड़ परेशान

देहरादून –  डॉ. कुलदीप गौड़ जो कि अब तक समग्र शिक्षा हरिद्वार में जिला समन्वयक पद पर कार्यरत था, प्रतिनियुक्ति समाप्ति के बाद अब उसकी पदस्थापना होनी थी लेकिन  निदेशक डॉ0 मुकुल कुमार सती द्वारा  पदस्थापना मनमाने ढंग से चमोली कर दी गई जबकि नियमानुसार डॉ0कुलदीप को  विकल्प चयन का अवसर मिलना चाहिए था (जैसा कि अन्य सभी को मिला है) उनकी  कोई ऐसी मांग नहीं है कि देहरादून या हरिद्वार जैसी सुगम जगहों पर तैनाती दी जय बस यही अनुरोध है  कर रहे हैं कि नियमानुसार ही दुर्गम का विद्यालय दे दिया जाय पर सभी कार्मिकों की तरह विकल्प चयन का अवसर दिया जाय। डॉ0कुलदीप  चयन प्रतिनियुक्ति से पूर्व अटल विद्यालय कांसखेत में परीक्षा के माध्यम से मेरिट में स्थान प्राप्ति के बाद काउंसिलिंग के माध्यम से नियुक्ति हुई, और प्रतिनियुक्ति भी हरिद्वार में काउंसिलिंग के माध्यम से हुई, इस प्रकार जब पहले भी काउंसिलिंग के माध्यम से स्थान मिला तो अब मनमाने ढंग से पदस्थापना क्यों? जबकि उनके द्वारा पारिवारिक कारणों से प्रतिनियुक्ति समाप्ति कराई गई है और अब उन्हें  पुनः पारिवारिक समस्याओं के समाधान से दूर किया जा रहा है। निदेशक द्वारा उनके प्रति द्वेष भावना से काम किया जा रहा है पहले भी समग्र में रहते हुए इनके द्वारा  प्रतिनियुक्ति समाप्ति रोकी जा चुकी है उन्होंने  पहले 17 फरवरी 2024 को प्रतिनियुक्ति समाप्ति का अनुरोध किया गया था फिर 6 अगस्त 2024 में अनुरोध किया इस प्रकार 1 वर्ष बाद उन्हें कार्यमुक्त किया गया जो कि सरासर कर्मचारी का उत्पीड़न है और अब निदेशक  द्वारा धमकाया जा रहा है कि चुपचाप चमोली चला जा वरना पिथौरागढ़ भेजूंगा। निदेशक  कर्मचारी की सुनने को तैयार नहीं है।  यद्यपि कुलदीप ने  विभागीय प्रक्रिया के अनुसार पत्राचार किया गया । प्रत्यावेदन दिया गया है लेकिन जिस तरह से उच्चाधिकारी द्वारा व्यवहार किया जा रहा है इस बात की आशा न्यूनतम है कि आदेश में संशोधन होगा। उल्टा उनकी उपस्थिति भी रोक दी गई है  उपस्थिति से वंचित किया जा रहा है जबकि प्रत्यावेदन के निस्तारण तक कार्मिक को उपस्थिति से रोका जाना सरासर अन्याय है और कार्मिक का उत्पीड़न है। डॉ0 कुलदीप ने कहा कि महानिदेशक  द्वारा  प्रकरण के निस्तारण का भी आदेश हो चुका है (25 अप्रैल 2025) लेकिन अभी तक इस आदेश पर भी कोई कार्यवाही नहीं की गई है। इस संबंध में उनके  द्वारा संघ के महामंत्री रमेश पैन्यूली जी एवं प्रदेश अध्यक्ष राम सिंह चौहान से भी सहयोग मांगा गया है।

शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल कई बार उठते रहे हैं लेकिन जमकर केवल अपने शुभचिंतकों को सुविधा जनक स्कूलों में सेट किया जा रहा है।जब शिक्षकों को परेशान किया जा रहा है तो फिर कैसे वह शिक्षण कार्य करेगा।

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