उत्तराखंड

रवांई जन एकता मंच ने उपजिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को दिया ज्ञापन

गोविन्द वन्य विहार व रास्ट्रीय पार्क के उपनिदेशक ने कहा उच्चाधिकारियों के आदेश की हो रही पालना
पुरोला-रवांई जन एकता मंच के आधे दर्जन लोगों ने उपजिलाधिकारी देवानन्द शर्मा के माध्यम से मुख्यमंत्री को 5 सूत्रीय मांग पत्र दिया

1-मुख्य वन संरक्षक वन्य जीव प्रतिपालक उत्तराखंड के द्वारा 10 मई 2016 को पुरोला को आदेशित किया गया था कि रूपिन सुपिन पर्यटन स्थलों में संख्या सीमित हो ।ताकि किसी तरह की घटना न हो।जन एकता मंच ने उसे निरस्त करने की मांग की है।
2-पर्यटन क्षेत्र में कार्य करने वाले बेरोजगारों एवं टूर आपरेटरों के पंजीकरण करने हेतु सिंगल विंडो सिस्टम को लागू किया जाय।
3-उपनिदेशक को हटा कर दूसरे उपनिदेशक को भेजा जाए।
4-सेंचुरी रेंज के दायरे में 42 गांव के हक हकूक को बहाल किया जाय।
5-जिन टूर आपरेटरों के चालान किये गये उन्हें निरस्त किया जाय।
उपनिदेशक डॉ अभिलाषा सिंह ने कहा है कि मैं कुछ भी नया आदेश नही कर रही हूं जो भी उच्चाधिकारियों का आदेश है उसकी पालना कर रही हूं ।संख्या सीमित का आदेश मुख्य वन संरक्षक वन्य जीव पालक 2016 का है ।प्रतिदिन हजारों की तादात पर पर्यटक आ रहे हैं उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी विभाग की है ।
बेरोजगारों व टूर आपरेटरों के पंजीकरण के लिये बहुत जल्दी विभाग अपनी बेवसाइट लांच करने वाली है ।
सेंचुरी रेंज के अंतर्गत आने वाले 42 गांव के लोगों के लिए जो नियम कानून पहले सेंचुरी रेंज के निर्धारण के समय बने हैं वही लागू हैं ।
सेंचुरी रेंज में बिना अनुमति किसी भी वाहन का प्रवेश नहीं है लेकिन कुछ स्थानीय लोगों के द्वारा कर्मचारियों व अधिकारियों के साथ जबरदस्ती किया गया , बिना अनुमति के प्रवेश करने पर आपरेटरों का चालान किया गया।
आपको बताते चलें कि सेंचुरी रेंज में ठेकेदारों व विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से सरकारी धन का जमकर दुरप्रयोग हुआ है जिसकी जांच में कई ठेकेदारों को उपनिदेशक डॉ अभिलाषा सिंह ने ब्लेकलिस्ट किया , उसी की किरकिरी के कारण आये दिन उपनिदेशक पर आरोप प्रत्यारोप लगाये जा रहे हैं।

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