ट्रॉली के टूटने से कई जान जाने के बाद जागा प्रशासन
उत्तरकाशी के मोरी में ट्रॉली के टूटने पर महिला की हुई थी मृत्यु
उत्तराखंड के 22 साल से बीत जाने पर आज भी जान जोखिम लेकर पैदल सफर करते हैं दूरस्थ गाँव के लोग
देहरादून। उत्तराखंड राज्य 23 वर्ष का हो गया,लेकिन जिस सपने को लेकर आंदोलन किया गया, आज भी हालत जस की तस बनी हुई है।दूरस्थ गांव में दर्जनों गांवों में सड़क का अभाव है।नदी नालों में पुल तक की व्यवस्था नहीं हो पाई।जनपद उत्तरकाशी, चमोली, पिथौरागढ़, बागेश्वर के दर्जनों गांव के लोग आज भी ट्रालियों के सहारे आना जाना करते हैं।बच्चे अपने पढ़ाई के लिए भी इन्हीं से आते जाते हैं।कुछ ही दिनों पहले मोरी के दूरस्थ गांव में ट्रॉली की तार टूट जाने से महिला की मौत हो गयी।प्रशासन, शासन अब अपनी नींद से अभी जगा ही।
आनन फानन शासन ने अधिकारियों से तत्काल ऐसे जगहों को चिन्हित कर रिपोर्ट तलब की है।सचिव डॉ पंकज पांडेय लोक निर्माण विभाग ने आदेश जारी करते हुए भरोसा दिलाया है कि जल्दी पुलों का निर्माण किया जायेगा।