हरिद्वार। एआरटीओ रत्नाकर सिंह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें रत्नाकर सिंह विभाग के ही एक दारोगा को पीटते हुए नजर आ रहे हैं। वहीं दारोगा मुकेश वर्मा जो राज्य आंदोलनकारी बताए जा रहे हैं उन्होंने सयंम बरता । हालांकि मारपीट का क्या कारण था ये अभी पता नहीं चल पाया है। लेकिन फिलहाल समझौते के प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन बड़ा सवाल ये है कि क्या यह ऐसा करना उचित है ऐसा कांस्टेवल ने क्या कह दिया जो साहब आपा खो बैठे।
अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी की जयंती के ठीक एक दिन पहले ऐसी हिंसा की उम्मीद कैसे की जा सकती है।मामले की वजह का पता अभी तक नही चल सका है। मामले पर डीएम धीराज गर्ब्याल ने घटना का संज्ञान लेते हुए एडीएम को जांच करने के निर्देश दिए।
दारोगा मुकेश वर्मा ने फोन पर बताया कि घटना एक अक्टूबर की है। इसमें विभाग के दूसरे कर्मचारी भी नजर आ रहे हैं। हालांकि उन्होंने ज्यादा बात नहीं की और कहा कि अभी अधिकारियों के सामने बातचीत चल रही है। उधर, एआरटीओ रत्नाकर सिंह से जब फोन पर बात करना चाही तो उन्होंने कई फोन करने के बाद भी फोन नहीं उठाया।