उत्तराखंड

बाल यौन अपराध के मामलों में सजगता एवं संयम दोनों जरूरी – जिला जज

अंजनीसैण – लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 18 वर्ष से कम उम्र के बालक एवं बालिकाओं को यौन शोषण के अपराधों से बचाने के लिए बनाया गया है। प्रत्येक बालक बालिका को यौन अपराधों के संबंध खुलकर आवाज उठानी चाहिए साथ ही स्वयं भी 18 वर्ष की उम्र से पूर्व यौन गतिविधियों में शामिल नहीं होना चाहिए क्योंकि पॉक्सो के मामलों में सहमति का कोई महत्व नहीं है। जिला न्यायाधीश टिहरी गढ़वाल ने  भुवनेश्वरी महिला आश्रम अंजनीसैंण, टिहरी गढ़वाल में आयोजित विधिक जागरूकता शिविर में कही। शिविर में जिला जज/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण टिहरी गढ़वाल ने आम जनता को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का अधिकतम लाभ उठाने की सलाह दी।
इसके साथ ही सिविल जज (सी.डि.) मोहम्मद याकूब NDPS कानून एवं नशे के दुष्प्रभाव के बारे जानकारी दी। सिविल जज/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण टिहरी गढ़वाल  आलोक राम त्रिपाठी द्वारा सभी जनमानस को हमारे भारतीय संविधान में उल्लिखित मूल अधिकार व मूल कर्तव्यों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी गयी। इस अवसर पर उक्त आश्रम के सचिव  ज्ञान सिंह रावत जी द्वारा जिला जज  व अन्य उपस्थित अथितियों का माल्यार्पण कर स्वागत कर धन्यवाद ज्ञापित किया गया इस अवसर रिटेनर अधिवक्ता  राजपाल सिंह मिंया, ज्येष्ठ प्रमुख जाखणीधार  आशाराम थपलियाल,प्रधानसंघ देवप्रयाग  रजनीश तिवारी ,महिलामंगल अध्य्क्ष  बीना कैंतुरा,तहसील जाखणीधार के तहसीलदार यशपाल बर्थवाल , राजस्व उपनिरीक्षक , थाना हिंडोलाखाल के थानाध्यक्ष  धनराज सिंह, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के परा विधिक स्वयंसेवीगण (अधिकार मित्र), महिला आश्रम के समस्त पदाधिकारी व दूरदराज से सैकड़ों ग्रामीणों ने भाग लिया।

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