ड्रोन हमलों से रूस में त्राहिमाम
श्रुति व्यास
इस तीस अगस्त को यूक्रेन ने रूस पर सबसे बड़ा ड्रोन हमला किया। यह हमला रूस के छह अलग-अलग इलाकों में किया। इसे यूक्रेन के रूस पर हमलों में से सबसे दुस्साहसी माना जा रहा है। इसे ‘परीक्षण उड़ान’ बताया गया था क्योंकि ड्रोन का जो झुंड रूस भेजा गया था, उसमें कई प्रोटोटाईप शामिल थे। हालांकि इसके बावजूद इन ड्रोनों ने अपना काम एकदम ठीक तरह से किया। सैन्य अड्डों के अंदर विस्फोट हुए, कई मौतें हुई और स्थानीय सूत्रों के अनुसार घायल सैनिकों को बड़ी संख्या में अस्पताल ले जाया गया।
पिछला हफ्ता क्रेमलिन के लिए बुरा था। मास्को पर एक दर्जन से अधिक ड्रोन हमले हुए और कई बड़े हवाईअड्डों को कई बार बंद करना पड़ा इसके साथ ही, हथियारों के कारखानों, हवाईपट्टियों, ईधन भंडारगृहों और रेलवे नेटवर्क में कई विस्फोट हुए। इन सबकी सफाई देना क्रेमलिन के लिए मुश्किल हो रहा है। ये हमले, जो सीमा से बहुत भीतर हुए, यूक्रेन के लिए प्रचार का हथियार हैं, हालांकि कीव ने इनमें उसका हाथ होने की बात यदा कदा ही स्वीकार की है। जिन महत्वपूर्ण स्थानों पर आधुनिकतम टेक्नोलॉजी युक्त जबरदस्त सुरक्षा होनी चाहिए, उन पर सफल हमले रूस के मनोबल के लिए बहुत घातक सिद्ध हो रहे हैं भले ही इनसे युद्ध के जमीनी हालात में कोई बदलाव न हो रहा हो।सोशल मीडिया में आई तस्वीरों में एक विमान नजर आ रहा है जो यूक्रेन में आम नागरिकों पर हुए हमलों में नियमित रूप से प्रयुक्त हो रहे विमानों जैसा है। ऐसे ही विमान का उपयोग रूस के आक्रमण के शुरूआती दिनों में मेरियापोल पर की गई जबरदस्त बमबारी के दौरान अनगाइडेड मिसाईलें गिराने के लिए किया गया था।
यह काफी अजीब है कि यूक्रेन का ड्रोनों के मामले में न तो कोई एकल कमान है और न ही इन्हें हासिल करने का कोई ढांचा है। शासन की कई संस्थाएं, जिनमें सभी जासूसी संस्थाएं शामिल हैं, के अपने-अपने ड्रोन हैं। ऐसा उच्च स्तरीय भ्रष्टाचार और लालफीताशाही के चलते हो रहा है, और यही वजह है कि मास्को पर कई हमले सैन्य दृष्टि से महत्वपूर्ण होने की बजाए ड्रोन खरीदने वाले उच्चाधिकारियों का ध्यान प्रोटोटाईप की ओर आकर्षित करने की कोशिश नजर आते हैं।
यूक्रेन के लिए ड्रोन ज़रुरत बन गए हैं। आखिरकार यूक्रेन पर शहरों पर बार-बार बमबारी हुई है जिनमें कई नागरिक मारे गए हैं और उनके रोजी-रोटी के साधन नष्ट हो गए। मास्को पर हमलों का उद्धेश्य मनोवैज्ञानिक प्रभाव डालना है, ताकि सामान्य रूसियों को जंग की हकीकत का एहसास कराया जा सके। लेकिन यूक्रेन की सेना के भीतरी जानकारों का कहना है कि ज्यादातर हमले तीन माह से जारी जवाबी हमले को अधिक प्रभावी बनाने के लिए किए गए हैं।