उत्तराखंड

भ्रष्टाचार पर लगा अंकुश, वन माफिया ठेकेदार-जनप्रतिनिधियों से मिलकर कर रहे अधिकारियों का विरोध

पुरोला। 28 अगस्त पुरोला बीडीसी में वन विभाग के अधिकारियों को जनप्रतिनिधियों का भारी विरोध झेलना पड़ा। हर प्रतिनिधि वन विभाग के अधिकारियों के व्यवहार से नाराजगी जता रहे थे। जनप्रतिनिधियों के कहना था कि वन विभाग हमारे हकहकूक को बंद करना चाह रहा है,गाँव घरों में लकड़ी से ही खाना बनाया जाता है शादी पार्टिहो या किसी की मृत्यु होने पर लकड़ी की आवश्यकता पड़ती है जिसे पूरी तरह बंद कर दिया है। वही वन विभाग के एसडीओमयंक गर्ग व रेंज अधिकारी ने कहा कि ऐसा कोई भी आदेश न तो विभाग ने जारी वकिया न ही किसी के साथ गलत व्यवहार किया गया।

एसडीओ मयंक गर्ग ने माननीय हाईकोर्ट के आदेश को पूरे सदन में रखा जिसमें साफ लिखा गया है कि बिना स्वीकृति के जंगल से सूखे पेड़ों को काटना आ अपने निजी प्रयोग में लाना गैर कानूनी है जिसके लिए वन विभाग वन नियम के तहत कार्यवही करे।डीएफओ कुंदन कुमार ने बताया कि आम जनता को जो सहूलतें पहली थी वही दी जा रही है जो वन माफिया है वे परेशान हैं क्योंकि उनका चोरी का धंधा बन्द हो गया है ,माननीय हाई कोर्ट नैनीताल से संज्ञान लिया है कि जिन अधिकारियों व कर्मचारियों की लापरवाही से सैकड़ों देवदार के हरे पेडों को काट गया उनके खिलाफ तत्काल कार्यवही की जाय।आपको बताते चलें कि सिंगतूर रेंज में सैकड़ों हरे देवदार के पेड़ वन विभाग व ठेकेदारों की मिलीभगत से ठिकाने लगाये गये ,जिसमें एक दर्जन से अधिक वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों का निलंबन भी हुआ है। वन विभाग फूक फूक कदम रख रहा है।

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