उत्तराखंड

सहायक अध्यापक एल.टी में चयनित 1371 शिक्षकों का नियुक्ति की मांगको लेकर शिक्षा निदेशालय में धरना प्रदर्शन

देहरादून – सहायक अध्यापक एल.टी में चयनित 1371 शिक्षकों का शीघ्र नियुक्ति की मांग करते हुए माध्यमिक शिक्षा निदेशालय देहरादून में चल रहा अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन आज दूसरे दिन भी शिक्षा मंत्री की मौजूदगी में जारी रहा।

चयनित अभ्यर्थियों ने शिक्षामंत्री के नकारात्मक रवैये की कड़े शब्दों में भर्त्सना करते हुए आरोप लगाया कि डॉo धन सिंह रावत उत्तराखंड संस्कृत शिक्षा का परिणाम जारी करने हेतु धरना स्थल के तीस गज के दायरे में आए लेकिन उन्होंने राज्य के सुदूरवर्ती क्षेत्रों बागेश्वर,अल्मोड़ा,उत्तरकाशी के मोरी ब्लॉक के लियाड़ी, फ़ित्याडी, पिथौरागढ़ के मदकोट, मुनस्यारी,गंगोलीहाट,चमोली के थराली, वाँण,फूलचट्टी,टिहरी के भिलंगना,घनसाली आदि क्षेत्रों से बच्चों को साथ लेकर धरने पर बैठे चयनित अभ्यर्थियों से दो टूक बात करने की जहमत नहीं की।

अभ्यर्थी दिन भर धूप में भूखे-प्यासे निदेशालय के सामने बैठे रहे लेकिन धन सिंह रावत निदेशालय के दरवाजे से ही पीठ दिखाते हुए गाड़ी में बैठकर चले गए। इससे चयनितों में गहरा आक्रोश भरा रहा। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि सरकार और शिक्षा विभाग के द्वारा शीघ्र ही उनकी नियुक्ति के लिए न्यायालय में स्टे वेकेशन अपील दायर कर महाधिवक्ता एवं सी.एस.सी. के माध्यम से मजबूत पैरवी कराते हुए उन्हें शीघ्र नियुक्ति नहीं दी तो जल्द ही सभी चयनित 1371 अभ्यर्थी अपने परिवार के साथ भूख हड़ताल और आमरण अनशन करने को बाध्य होंगे। जिसकी जिम्मेदारी स्वयं सरकार और शिक्षा विभाग की होगी।

चयनित सहायक अध्यापकों ने राज्य के अंतर्गत अपने-अपने क्षेत्रों के लोकसभा,राज्यसभा सदस्यों तथा विधायक प्रतिनिधियों से गुहार लगाई है कि वे भी अपने क्षेत्रों में नौनिहालों की बेहतर शिक्षा हेतु शिक्षकों की नियुक्ति के लिए प्रयास करें। क्योंकि सभी क्षेत्रों के विद्यालयों में शिक्षकों की भारी कमी बनी हुई है। इसी संबंध में अभ्यर्थियों ने पिछले दिवस पौढ़ी गढ़वाल क्षेत्र से वर्तमान सांसद श्री अनिल बलूनी को शीघ्र नियुक्ति की मांग हेतु ज्ञापन भी दिया है।

संगठन के सचिव तनवीर मलिक ने शिक्षामंत्री की उदासीनता पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि यूकेएसएसएससी से चयनित होने के बाद भी शिक्षकों को नियुक्ति न देकर मंत्री जी राज्य के नौनिहालों के शिक्षा जैसे मूलभूत अधिकार का भी हनन कर रहे हैं।

चयनितों ने कहा कि आज राज्य के दुर्गम विद्यालय शिक्षकों की कमी से बंद होने की कगार में हैं। हजारों विद्यालय एकल शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं। सभी चयनित अति दुर्गम विद्यालयों में जाकर नौनिहालों का भविष्य बनाना चाहते हैं लेकिन राज्य की सरकार शिक्षकों की नियुक्ति लटकाकर राज्य का विकास करना नहीं चाहती।

आज अनिश्चितकालीन धरने के दूसरे दिन धराशु,यमनोत्री से जयंती,पूजा,रश्मि,मुनस्यारी से मीना भट्ट,बबीता,गोपाल,चंबा से ज्योत्सना,रीना,विनीता,बागेश्वर से अमिता,शोभा,सुरभि,अल्मोड़ा से पूनम,कोमल,हरीश एवं संगठन के सभी पदाधिकारियों सहित दो सौ अभ्यर्थी शामिल रहे।

क्या है मामला

यूकेएसएसएससी ने मार्च 2024 में सहायक अध्यापक एलटी ग्रेड के लिए 1544 पदों पर वैकेंसी निकाली थी. 18 अगस्त 2024 को ये परीक्षा आयोजित की गई थी. 10 जनवरी 2025 को इसका रिजल्ट घोषित किया गया. 13 जनवरी से 29 जनवरी तक चयनितों का दस्तावेज सत्यापन कराया गया. दस्तावेज सत्यापन में पदों के सापेक्ष 25 % अधिक अभ्यर्थियों को बुलाया गया. 9 फरवरी को फाइनल परीक्षा परिणाम घोषित कर 1371 अभ्यर्थियों की चयन संस्तुति शिक्षा विभाग को भेजी गई। जब सफल अभ्यर्थी ज्वाइनिंग की डेट का इंतजार कर रहे थे तो अचानक संशोधित उत्तर कुंजिका का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया. हाईकोर्ट ने नियुक्ति पत्र जारी करने पर रोक लगा दी. इसके बाद से सफल अभ्यर्थी हाईकोर्ट के फैसले का टकटकी लगाए इंतजार कर रहे हैं।

8 अप्रैल को हुई सुनवाई में नैनीताल हाईकोर्ट ने आयोग को संशोधित उत्तरों के संबंध में विशेषज्ञ की राय लेने को कहा। हाईकोर्ट ने यह भी कहा है कि अगर आवश्यक है तो आयोग ऐसे अधिकारी की सहायता ले सकता है, जो न्यायलय में उनकी सहायता कर सके और वह न्यायालय की भी सहायता कर सके। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में अधिक समय नहीं लगाना चाहिए. क्योंकि यह विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति का मामला है। मामले की अगली सुनवाई हेतु कोर्ट ने 25 अप्रैल की तिथि नियत की है।

चयनित सहायक अध्यापक इससे पूर्व अपनी नियुक्ति के लिए निदेशालय के बाहर भारी संख्या में रैली भी निकाल चुके हैं। उन्होंने याचिकाकर्ताओं के साथ-साथ सरकार और शिक्षा विभाग पर नियुक्ति को लटकाने का आरोप लगाया है। ज्ञात हो कि इससे पूर्व भी अतिथि शिक्षकों के द्वारा इस सीधी भर्ती में अधिमानी अंकों की मांग करते हुए इस भर्ती को 6 महीने तक कोर्ट में लंबित रखा गया था जिसमें नैनीताल हाईकोर्ट ने अथिति शिक्षकों की याचिकाओं को खारिज करते हुए रिजल्ट जारी करने का आदेश दिया था। और अब चयन संस्तुति होने के बाद फिर से एक बार भर्ती प्रक्रिया को बाधित करते हुए नियुक्ति को लटकाया जा रहा है। जिससे चयनित अभ्यर्थियों के साथ – साथ उनके परिवारजन भी परेशान हैं और नियुक्ति के लिए अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने भूख हड़ताल करने को विवश हैं।

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