दिव्यांगजनों को सहायक उपकरणों का वितरण ‘डोर-टू-डोर’ मॉडल के आधार पर सुनिश्चित किया-डीएम
उत्तरकाशी – जिलाधिकारी डॉ.मेहरबान सिंह बिष्ट की अध्यक्षता में शुक्रवार को जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र (डीडीआरसी) की बैठक हुई। जिलाधिकारी ने दिव्यांगजनों को प्रदत्त पेंशन योजनाओं एवं सहायक उपकरण वितरण की प्रगति की समीक्षा की।
जिलाधिकारी ने जिला समाज कल्याण अधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि सभी पात्र दिव्यांगजनों को सहायक उपकरणों का वितरण ‘डोर-टू-डोर’ मॉडल के आधार पर सुनिश्चित किया जाए,ताकि किसी भी लाभार्थी को उपकरण प्राप्त करने में असुविधा न हो। जिलाधिकारी ने सीएमओ एवं जिला समाज कल्याण अधिकारी को जिला चिकित्सालय परिसर में डीडीआरसी भवन हेतु उपयुक्त भूमि चिन्हित करने तथा प्रस्ताव तैयार के निर्देश दिए। ताकि दिव्यांगजनों को एक ही स्थान पर आवश्यक सेवाएं उपलब्ध कराई जा सके।
जिलाधिकारी ने डुंडा में निर्मित वृद्धाश्रम भवन को दिव्यांग पुनर्वास केंद्र के रूप में उपयोग हेतु शासन को प्रस्ताव भेजने के निर्देश समाज कल्याण अधिकारी को दिए।दिव्यांगजनों के आधार कार्ड बनाने में आ रही समस्याओं पर भी चर्चा हुई। जिलाधिकारी ने संबंधित विभागों को निर्देशित किया कि जिन दिव्यांगजनों के आधार पंजीकरण में तकनीकी अथवा अन्य बाधाएं आ रही है,ऐसे मामलों का संवेदनशीलता से निस्तारण करते हुए हर संभव सहायता प्रदान की जाए। उन्होंने शिक्षा एवं बाल विकास विभाग को आवंटित आधार पंजीकरण मशीनों को तत्काल सक्रिय करने के निर्देश दिए,ताकि क्षेत्रीय नागरिकों के आधार कार्ड बनाने की प्रक्रिया बाधित न हो। इस हेतु ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर को आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
जिला समाज कल्याण अधिकारी सुधीर जोशी ने बताया कि वर्तमान में 4,996 दिव्यांग लाभार्थियों को पेंशन प्रदान की जा रही है। दिव्यांगजनों की एकीकृत पहचान सुनिश्चित करने हेतु यू०डी०आई०डी० पंजीकरण में जनपद ने राज्य में दूसरा स्थान प्राप्त कर उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है।
बैठक में सीएमओ डॉ.बीएस रावत,सीएमएस डॉ.प्रेम पोखरियाल, जिला समाज कल्याण अधिकारी सुधीर जोशी,जिला कार्यक्रम अधिकारी जशोदा बिष्ट सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।