उत्तराखंड

जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने 77 जगहों पर सोलर हाईमास्ट लाईट की स्थापना का किया अनुमोदन

उत्तरकाशी  – जिले के यात्रा मार्ग व ट्रैक रूट्स के प्रमुख पड़ाव और आवासीय विद्यालयों के परिसर अब सोलर हाईमास्ट लाईट से रोशन होंगे। इसके लिए जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने 77 जगहों पर सोलर हाईमास्ट लाईट की स्थापना का अनुमोदन प्रदान किया है। इसके साथ ही जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के सार्वजनिक, धार्मिक व पर्यटन महत्व के स्थलों को भी प्रकाशमान करने के लिए जिले भर में 1996 सोलर स्ट्रीट लाईट्स की स्थापना का कार्य भी प्रारंभ कर दिया गया है। उरेडा की राज्य सेक्टर की योजना के तहत स्वीकृत इन दोनों परियोजनाओं की कुल लागत रू. चार करोड़ इक्यावन लाख तिरानबे हजार है। जिलाधिकारी ने इस महत्वपूर्ण कार्य को समयबद्ध ढंग से पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं।

जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने यह जानकारी देते हुए बताया है कि उत्तराखंड अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (उरेडा) की राज्य सेक्टर की योजना के अंतर्गत सोलर हाईमास्ट लाईट की स्थापना हेतु चयनित स्थलों पर अतिशीघ्र कार्य प्रारंभ हो जाएगा। जिले के चारधाम यात्रा मार्गों एवं विभिन्न ट्रैक मार्गों के प्रमुख पड़ावों, प्रमुख मंदिरों एवं कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय के परिसरों में रू. एक करोड़ दो लाख इकहत्तर हजार की लागत से 77 सोलर हाईमास्ट लाईट की स्थापना की जाएगी।
सोलर हाईमास्ट की स्थापना के लिए चयनित स्थलों में गंगोत्री व यमुनोत्री मार्ग के प्रमुख पड़ावों व पैदल मार्ग के साथ ही धाम क्षेत्र के अलावा खरसाली, मुखवा, मोरी, नैटवाड़, हर्षिल-बगोरी आदि जगहां के साथ ही कुटेटी छात्रावास, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय खरसाड़ी, कंडियालगांव, गंगनानी, चिन्यालीसौड़, जवाहर नवोदय विद्यालय धुनगिरी-पुरोला, राजीव गांधी नवोदय विद्यालय चिन्यालीसौड़ के आवासीय परिसर सम्मिलित हैं। इसके साथ ही हरकीदून, केदारकांठा, गुलाबीकांठा, सप्तऋषि, डोडीताल, कुशकल्याण, गिडारा बुग्याल व जनकताल जैसे ट्रैक मार्गों के प्रमुख पड़ावों पर भी सोलर हाईमास्ट लाईट स्थापित किए जाने का जिलाधिकारी द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया है।

जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के सार्वजनिक स्थलों, विश्राम गृहों, धार्मिक एवं पर्यटन महत्व के स्थलों में रू. तीन करोड़ उनपचास लाख बाईस हजार की धनराशि की लागत से 1996 सोलर स्ट्रीट लाईट्स की स्थापना का कार्य प्रांरभ हो चुका है। स्थापना के बाद हाईमास्ट व स्ट्रीट लाईट्स का पॉच साल तक रख-रखाव की भी व्यवस्था की गई है।

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