उत्तराखंड

जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने सड़क सुरक्षा व सुगमता सुनिश्चित करने के लिए संबंधित विभागों को दिये निर्देश

उत्तरकाशी  – जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने सड़क सुरक्षा व सुगमता सुनिश्चित करने के लिए संबंधित विभागों को दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में सड़कों का सुधार किए जाने के साथ ही एहतियाती उपायों पर कारगर तरीके से अमल करने और नियमित रूप से प्रवर्तन की कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि जिले में वाहनों की जांच व प्रवर्तन संबंधी कार्रवाईयों के लिए पुलिस विभाग के लिए दो इंटरसेप्टर वाहन उपलब्ध कराए जाएंगे और सड़कों से खराब वाहनों को हटाने तथा रेस्क्यू अभियानों में उपयोग के लिए लोक निर्माण विभाग को क्रेन उपलब्ध कराए जाने की व्यवस्था की जाएगी।

जिला मुख्यालय पर आयोजित सड़क सुरक्षा समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी ने सड़कों पर गति सीमा के निर्धारण तथा दुर्घटना संभावित क्षेत्रों को फिर से चिन्हीकरण करने हेतु लोक निर्माण विभाग, सीमा सड़क संगठन सहित सड़कों से संबंधित विभागों व नगर निकायों के साथ ही पुलिस तथा परिवहन विभाग के अधिकारियों की समिति का गठन कर इस मामले में त्वरित व समयबद्ध कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

जिलाधिकारी ने सड़क सुरक्षा एवं बेहतर यात्रा प्रबंधन की दृष्टि से बीआरओ, एनएच डिवीजन, लोक निर्माण विभाग तथा एनएचआईडीसीएल के अधिकारियों को चारधाम यात्रा मार्गों पर अगली यात्रा शुरू होने से पहले अपेक्षित सुधार कार्य संपन्न कराए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि पिछली यात्रा के अनुभवों से सबक लेते हुए जाम की समस्या के समाधान के लिए संकरे हिस्सों में सड़कों व मोड़ों को चौड़ा करने, नालियों को अंडरग्राउंड करने तथा पासिंग प्लेस बनाए जाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय। सड़कों के किनारे मलवा व निर्माण सामग्री जमा न होने दी जाय और अतिक्रमण के मामलों में तत्परता से कार्रवाई की जाय। । जिलाधिकारी ने कहा कि चारधाम सड़क परियोजना के तहत गंगोत्री व यमुनोत्री मार्ग के चौड़ीकरण के कार्य को संपन्न होने में कुछ समय लगना स्वाभाविक है, लिहाजा तब तक के लिए समस्याग्रस्त हिस्सों के सुधार के लिए तात्कालिक उपाय सुनिश्चित किए जांय और वैकल्पिक सड़कों के सुधार पर भी ध्यान दिया जाय। जिलाधिकारी ने जोशियाड़ा तथा नौगांव में निर्माणाधीन पार्किंग का काम भी जल्द पूरा किए जाने हेतु संबंधित विभागों को निर्देशित किया।
जिलाधिकारी ने सड़कों पर सड़क सुरक्षा एवं यातायात नियमों के उल्लंघन और सड़कों पर बेतरतीब ढंग से वाहन खड़े किए जाने के मामलों में अभियान चलाकर कार्रवाई सुनिश्चित करने हेतु भी निर्देश दिए।

बैठक में पुलिस अधीक्षक सरिता डोबाल ने भी सड़क सुरक्षा से संबंधित हिदायतों पर तत्परता से अमल किए जाने तथा प्रवर्तन की कार्रवाईयों पर अधिक ध्यान दिए जाने की जरूरत बताई।

बैठक में बताया गया कि इस वर्ष अक्टूबर माह तक जिले में 13 सड़क दुर्घटनाएं घटित हुई हैं जिनमें 15 व्यक्तियों की मृत्यु होने के साथ ही 38 लोग घायल हुए हैं। जबकि गत वर्ष जिले में सड़क दुर्घटना के 20 घटनाओं में 27 लोगों की मृत्यू होने के साथ ही 46 लोग घायल हुए थे। गत अक्टूबर माह में जिले में ओवर लोडिंग, ओवर स्पीड, नशे ही हालत में वाहन चलाने, मोबाईल पर बात करते वाहन चलाने तथा अन्य नियमों में उल्लंघन के मामलों में पुलिस व परिवहन विभाग द्वारा कुल 73 चालान किए गए है। अक्टूबर माह में हेलमेट व सीट बेल्ट का प्रयोग न करने के मामले में भी 132 चालान किए गए हैं। जिले में अभी तक कुल 393 दुर्घटना संभावित क्षेत्र चिन्हित हैं जिनमें से 335 का सुधार किया जा चुका है। अधीक्षण अभियंता लोनिवि ने बताया कि जिले की सभी क्षेत्रों की सड़कों के दुर्घटना संभावित हिस्सों का नए सिरे चिन्हीकरण कर आगामी 26 दिसंबर तक शासन को रिपोर्ट भेजे जाने के निर्देश मिले हैं। साथ ही राष्ट्रीय राजमार्ग एवं राज्यमार्गों पर भी प्राथमिकता से गति सीमा का निर्धारण किए जाने की कार्यवाही सुनिश्चित की जा रही है।
बैठक में लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता हरीश पांगती, सीमा सड़क संगठन के कमान अधिकारी मेजर सिद्धार्थ गौतम, उप जिलाधिकारी भटवाड़ी मुकेश चंद रमोला, अधिशासी अभियंता लोनिवि रजनीश सैनी, अधिशासी अभियंता पीएमजीएसवाई आशीष भट्ट, यातायात निरीक्षक राजेन्द्र नाथ उपस्थित रहे। जबकि उप जिलाधिकारी बड़कोट बृजेश कुमार तिवारी, उप जिलाधिकारी पुरोला नवाजिश खलीक, अधिशासी अभियंता लोनिवि मनोहर सिंह धर्मसत्तू, अधिशासी अभियंता एनएच डिवजीवन मनोज रावत सहित अनेक अधिकारियों ने वर्चुअल माध्यम से बैठक में प्रतिभाग किया।

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