चारधाम यात्रा गंगोत्री यमुनोत्री की कमान डीएम व एसपी ने स्वंय संभाली
उत्तरकाशी। जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट और पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने यमुनोत्री मार्ग और प्रमुख प्रमुख पड़ावों, होल्डिंग प्वाईंट तथा गेट व्यवस्था का निरीक्षण कर बैरियर पर तैनात अधिकारियों व कर्मचारियों को निर्देशित किया कि बिना पंजीकरण के यात्रा करने वाले व्यक्तियों को वापस भेजा जाना सुनिश्चित किया जाए। पंजीकरण में दर्ज तिथि से पहले या बाद में भी यात्रा करने की अनुमति नहीं है। इस व्यवस्था को सख्ती से लागू करने के साथ ही होल्डिंग प्वाईंट्स पर यात्रियों की सुविधाओं का पूरा ध्यान रखे जाने और जरूरतमंद यात्रियों की सहायता के लिए सदैव तत्पर रहने के निर्देश देते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि यात्रा को सुगम व सुरक्षित बनाए रखने के लिए सभी उपाय सुनिश्चित किए जांय। इस दौरान जिलाधिकारी ने तीर्थयात्रियों से भी मुलाकात कर यात्रा व्यवस्था का फीडबैक लिया।
जिलाधिकारी ने कहा कि इस बार की यात्रा के शुरूआती दिनों में ही रिकार्ड संख्या में लोगों के पहॅुचने के कारण धामों में अत्यधिक भीड़ बढी है और सड़कों पर भी वाहनों का अत्यधिक दबाव पड़ा है। जिसे देखते हुए ट्रैफिक व्यवस्था को विनियमित करने के साथ ही यात्रा प्रबंधन में कुछ जरूरी बदलाव करने पड़े हैं। ताकि जाम लगने व धामों पर बेहताशा भीड़ जमा होने की समस्या न पैदा हो। इस व्यवस्था का बेहतर असर हुआ है। उन्होंने तीर्थयात्रियों के साथ ही स्थानीय लोगों व व्यवसायियों से यात्रा को सुव्यस्थित बनाए रखने के शासन-प्रशासन के प्रयासों में सहयोग देने की अपील की। इस दौरान दो वाहनों की जांच करने पर फर्जी पंजीकरण और केदारनाथ के पंजीकरण से यमुनोत्री की यात्रा करने का मामला भी पकड़ में आया। जिलाधिकारी ने ऐसे मामलों में मुकदमा दर्ज करने की हिदायत देते हुए पंजीकरण की जांच के लिए दोबाटा की बजाय डामटा में काउंटर स्थापित किए जाने के निर्देश दिए है।
जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट और पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने आज यमुनोत्री रूट पर अंतिम पड़ाव जानकीचट्टी से लेकर जिले के प्रवेश द्वार डामटा तक यात्रा सुविधाओं और ट्रैफिक व्यवस्था का निरीक्षण किया। जानकीचट्ी से पालीगाड तक के सिंगल लेन इलाके के निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने राजमार्ग डिवीजन के अधिकारियों को सड़क के किनारे से मलवा-पत्थर हटाकर सड़क को पूरी चौड़ाई तक वाहनों के आवागमन योग्य बनाए रखने के साथ ही भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में मलवा व पत्थर हटाने के लिए निरंतर मशीनें तैनात रखने के निर्देश दिए। पालीगाड के होल्डिंग प्वाईंट व वन-वे गेट व्यवस्था का निरीक्षण करते हुए जिलाधिकारी ने इस स्थान पर यात्रियों की सुविधा व सहायता के लिए चौबीसों घंटे कार्मिक तैनात रखे जाने, पेयजल, सफाई की उपयुक्त व्यवस्था बनाए रखने के साथ ही खाद्यान्न एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं का पर्याप्त स्टॉक भी बनाए रखने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने कहा कि रात में भी यहां पर पर्याप्त चौकसी रखी जाय और नियंत्रित व नियमित तरीके से वाहनों की आवाजाही सुनिश्चित की जाय। जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक ने खरादी, दोबाटा, नौगांव तथा डामटा में बनाए गए ठहराव स्थलों का निरीक्षण कर इन जगहों पर सुरक्षा व यात्रियों की सुविधा के लिए सभी इंतजाम निरंतर उपलब्ध रखे जाने की हिदायत दी। यह भी सुनिश्चित कराने को कहा कि यात्रियों से अधिक कीमत वसूल करने के मामलों पर निरंतर नजर रख कड़ी कार्रवाई की जाय। जिलाधिकारी ने इन पड़ावों पर टॉयलेट्स को साथ-सुथरा रखने के साथ ही सफाई व्यवस्था पर भी विशेष ध्यान दिए जाने की हिदायत दी। जिलाधिकारी ने कहा कि सहायता के लिए कॉल आने पर संबंधित विभाग व कर्मचारियों का रिस्पॉंस टाईम कम से कम हो बिना वजह के लंबे समय तक यात्रियों को न रोके रखा जायं।
दोबाटा पंजीकरण केन्द्र का निरीक्षण कर जिलाधिकारी ने सभी यात्रियों के पंजीकरण की बारीकी से जांच करने के निर्देश देते हुए कहा कि तय तिथि से हटकर और बिना पंजीकरण के किसी को भी यात्रा में शामिल न होने दिया जाय। इस मौके पर जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक ने दो वाहनों में सवार पंजीकरणों की जांच की तो एक वाहन के यात्री केदारनाथ के पंजीकरण पर यमुनोत्री यात्रा पर चले आने और एक मामले में फर्जी क्यूआर कोड वाली पंजीकरण स्लिप पकड़ में आई। जिलाधिकारी ने कहा कि ऐसे मामलों में संबंधित वाहन के चालक एवं वाहन मालिक का भी उत्तरदायित्व तय कर मुकदमा दर्ज कराया जाय। जिलाधिकारी ने पंजीकरण की जॉंच के लिए दोबाटा के बजाय डामटा में काउंटर स्थापित कर जिले के प्रवेश द्वार पर ही बिना पंजीकरण के आने वाले लोगों को लौटाने के निर्देश दिए। इस दौरान उप जिलाधिकारी मुकेश रमोला सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।