म्यांमार में देर रात फिर लगे भूकंप के झटके अब तक 154 लोगों की मौत
भूकंप – म्यांमार में देर रात एक बार फिर भूकंप के तेज झटकों ने लोगों को डराया। यहां शुक्रवार देर रात 23.56 पर 4.2 तीव्रता का एक और भूकंप आया। इससे पहले म्यांमार में एक के बाद एक चार भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसका सबसे ज्यादा असर थाईलैंड पर पड़ा। बैंकॉक में हालात सबसे ज्यादा खराब हैं। 7.7 तीव्रता से लेकर 4.2 तीव्रता के झटकों का असर भारत, बांग्लादेश और चीन तक रहा। इस आपदा में अब तक 154 लोगों के मारे जाने की खबर है। जिसमें 144 लोग म्यांमार और थाईलैंड के 10 लोग शामिल हैं।
सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर आया था सबसे तेज तीव्रता का भूकंप
पहला भूकंप सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर आया, इसकी तीव्रता 7.2 मापी गई। इसके बाद दूसरा झटका दोपहर 12 बजकर दो मिनट पर आया, इसकी तीव्रता 7 मापी गई। इसके बाद एक-एक घंटे के अंतराल पर दो और भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक, पहले दोनों ही भूकंप का केंद्र जमीन से 10 किलोमीटर गहराई में था, जबकि तीसरा जमीन से 22.5 किलोमीटर गहराई में आया।
भीषण भूकंप के बाद म्यांमार और थाईलैंड में आपातकाल की घोषणा कर दी गई है। बैंकॉक में इसका सबसे ज्यादा असर देखने को मिला। बैंकॉक में स्टॉक एक्सचेंज ने कारोबार स्थगित कर दिया। थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में कई इमारतें हिल गईं। बहुमंजिला इमारतें ताश की पत्तों की तरह भरभराकर धराशाई हो गईं। म्यांमार में 144 लोगों की मौत हो गई, जबकि 730 लोग घायल हो गए। हर तरफ बर्बादी का मंजर नजर रहा है। लोग मलबों में अपनों की तलाश कर रहे हैं। भूकंप के चलते म्यांमार में आपातकाल की घोषणा कर दी गई है।
वहीं, थाइलैंड में एक बहुमंजिला इमारत में दबकर 10 लोगों की मौत हो गई, जबकि 90 से ज्यादा लोपता हैं। भूकंप का केंद्र म्यांमार में था, जिसके झटके भारत, चीन व बांग्लादेश में भी महसूस किए गए। राजधानी नेपीता से मिली तस्वीरों में भूकंप में नष्ट हो चुकीं सरकारी आवास वाली कई इमारतें दिखाई दे रही हैं। बचाव दल मलबे से पीड़ितों को निकाल रहे हैं। भूकंप के कारण पूर्व राजमहल का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया और सागैंग इलाके में 90 वर्ष पुराना पुल ढह गया। बागो क्षेत्र के तौंगनू में एक मस्जिद का एक हिस्सा ढह गया, जिसकी चपेट में आकर 3 की मौत हो गई।
चीन के युन्नान में भी महसूस किए गए भूकंप के झटके
म्यांमार की सीमा से लगे दक्षिण-पश्चिमी चीन के युन्नान प्रांत में शुक्रवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए। सरकारी समाचार एजेंसी ने बताया कि युन्नान में अब तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। स्थानीय समयानुसार दोपहर 2:20 बजे भूकंप महसूस होने पर प्रांतीय राजधानी कुनमिंग के लोग खतरे से बचने के लिए बाहर आ गए और काफी देर तक बाहर ही रहे।
इसी बीच, थाईलैंड में भारतीय दूतावास ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। साथ ही सभी भारतीय नागरिकों से आपातकालीन स्थिति में उससे संपर्क करने को कहा है। दूतावास ने इस बाबत एक्स पर एक पोस्ट भी किया। इसमें उसने बताया कि बैंकॉक और थाईलैंड के अन्य हिस्सों में आए शक्तिशाली भूकंप के झटकों के बाद, दूतावास थाई अधिकारियों के साथ समन्वय में स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है। किसी भी आपात स्थिति में, थाईलैंड में भारतीय नागरिकों को आपातकालीन नंबर +66 618819218 पर संपर्क करने की सलाह दी जाती है। इस पोस्ट में ये भी बताया गया है कि बैंकॉक में भारतीय दूतावास और चियांग माई में वाणिज्य दूतावास के सभी सदस्य सुरक्षित हैं।
बैंकॉक में आए भूकंप के बाद सरकार ने दो बड़े एयरपोर्ट सुवर्णभूमि और डॉन मुआंग को बंद कर दिया है। सभी यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। खबरों के मुताबिक बैंकॉक के एयरपोर्ट्स को खाली कराकर सभी उड़ानों को कैंसिल कर दिया गया है। हवाई सेवाओं के अलावा रेल और मेट्रो सेवाएं भी बंद हो गई हैं। शहरभर में सभी सबवे स्टेशनों को बंद कर दिया गया है।
भारत ने भूकंप प्रभावित म्यांमार के लिए राहत सामग्री भेजी है। सूत्रों ने बताया कि एक सैन्य परिवहन विमान में करीब 15 टन राहत सामग्री भेजी गई। भारतीय वायुसेना के सी130जे विमान ने हिंडन वायुसेना स्टेशन से म्यांमार के लिए उड़ान भरी। सूत्रों ने बताया कि भेजी गई राहत सामग्री में टेंट, स्लीपिंग बैग, कंबल, खाने के लिए तैयार भोजन, वाटर प्यूरीफायर, सोलर लैंप, जनरेटर सेट और आवश्यक दवाएं शामिल हैं।