उत्तराखंड

1.28 करोड़ की लागत से बनाई गई नहर का काश्तकारों को नहीं मिल रहा लाभ

टिहरी ( कंडीसौड़) – थौलधार ब्लॉक में ग्राम पंचायत खांड- बिड़कोट के लिए 1.28 करोड़ की लागत से बनाई गई नहर का काश्तकारों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। काश्तकार नहर बनाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन विभागीय अभियंता बजट का अभाव बताकर प्रस्ताव मिलने पर शासन को भेजने की बात कर रहे हैं।

खांड-बिड़कोट की नहर का कुछ हिस्सा वर्ष 2001-02 में एनएच के मलबे से और कुछ हिस्सा ऑल वेदर रोड कटिंग के मलबे से दब गया था। उसके बाद से ग्रामीण लगातार नहर बनाने की मांग कर रहे थे। 22-23 साल बाद सुनवाई हुई, तो बीआरओ ने नहर बनाने के लिए सिंचाई विभाग को 1.28 करोड़ रुपये दिए। विभाग ने सालभर पहले करीब 1.2 किमी मोटे पाइप बिछाकर खेतों के एक छोर तक पानी पहुंचा दिया था, लेकिन उससे आगे नहर नहीं बन पाई।

इससे एक किमी दूर से पहुुंच रहा पानी किसी काम नहीं आ रहा है। पानी झील में बह रहा है। पूर्व कनिष्ठ प्रमुख ज्ञान सिंह चौहान, पूर्व प्रधान सागर चौहान, काश्तकार रुकमणि देवी, पार्वती देवी, यशोदा देवी, पिंगला देवी और उमा देवी ने बताया कि वर्षों संघर्ष के बाद बीआरओ से सिंचाई विभाग को 1.28 करोड़ दिलाए, लेकिन सिंचाई विभाग ने 1200 मीटर पाइप और 100 मीटर नहर बनाकर काम अधूरा छोड़ दिया है।

गांव के लोग सालभर से खेतों की सिंचाई करने के लिए बाकी 500 मीटर नहर बनाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन विभाग बजट का रोना रो रहा है। इससे 1.28 करोड़ खर्च कर खांड-बिड़कोट गांव के पास पहुंचाया जा रहा पानी बेकार झील में बह रहा है। इस बाबत सिंचाई विभाग की सहायक अभियंता नैना रावत ने कहा कि जितना बजट मिला था नहर बना दी गई है। बाकी नहर बनाने के लिए ग्रामीण प्रस्ताव देते हैं, तो जिला योजना से डिमांड की जा सकती है।

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