उत्तराखंड

देहरादून में विशाल निरंकारी बाल समागम, सैकड़ों बच्चों ने लिया सत्संग में भाग

देहरादून – सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के आशीर्वाद से  निरकारी सत्संग भवन हरिद्वार बाईपास में जोनल स्तरीय बाल समागम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बच्चों ने रंगारंग प्रस्तुतियों के माध्यम से निरंकारी मिशन के बहूमूल्य शिक्षा प्रदान की। गीत, कविता, स्किट के माध्यम से सतगुरु के उपदेशों को जीवन में अपनाने की सुंदर व्याख्या की गई।

इस अवसर पर गुड़गांव से सन्दीप गुलाटी  ने अपने विचार रखते हुए कहा कि निरंकारी श्रद्धालुओं के चेहरे पर सदैव खुशी व मुस्कान रहती है। निरंकारी मिशन में बच्चों में बचपन से ही प्यार, नम्रता, सदभावना, मानवता, भाईचारा वाले संस्कार भरे जा रहे हैं। ज्ञान के बारे में हमारे ग्रन्थ कहते हैं यथार्थ दर्शनम ज्ञानम भाव जो वस्तु जैसी है उसे उसी रूप में धारण करना । यानि माया को माया के रूप में और ब्रहम को ब्रहम के रूप में जान लेना ही ज्ञान है। इसलिए समय रहते निराकार का बोध अवश्य कर लें।उन्होंने एक उदाहरण के माध्यम से समझाते हुए कहा कि जिस तरह भवन की बुनियाद यदि मजबूत हो तो भवन भी मजबूत होता है ,उसी घर के लोग यदि सन्तों का साथ करते हैं तो पूरे परिवार में प्रेम ही प्रेम रहता है। प्यार का स्रोत तो केवल साध सँगत है ,जो बच्चे बचपन से संगते करते हैं वे अपने जीवन मे कभी गलत राह पर नही चलते।जिस प्रकार चन्दन अपनी खुशबू हर जगह पर एक जैसे देता है उसी तरह सँगत से जुड़े  बच्चे यदि अपने जीवन में जो भी सेवाएं करते हैं समाज को खुशबू ही देते हैं।

जब धागा सुई के सम्पर्क में आता है तो सुई जहाँ जहाँ से गुजरती है धागे का सफर अपने आप तय हो जाता है । इसी प्रकार जब हमारा जीवन निरंकार के संपर्क में आता है तो सतगुरु के दर्शाये मार्ग पर वैसे वैसे चलना आरम्भ कर देते हैं। हमारा जीवन भी वैसा ही बन जाता है। उन्होंने कहा कि स्वासों का आगमन जैसे हर बार जरूरी है वैसे जीवन में परमात्मा का अहसास जरूरी है। परमात्मा कोई भोजन नही  है जिसकी जरूरत दो चार घण्टे में पड़ेगी यह कोई पानी नही  है जिसकी आधे घंटे में जरूरत पड़ेगी। नहीं साध संगत परमात्मा तो ऑक्सिजन है जिसकी हर पल हर क्षण जरूरत पड़ती है।

उन्होंने आगे कहा चीनी की बोरी  से हमेशा चीनी ही निकलती है नमक की बोरी से नमक।यदि बच्चा बचपन से संगत से जुड़ा रहता है तो वह अपने जीवन में जो भी सेवा करता है समाज मे उसकी खुशबू अपने आप ही आ जाती है। ऐसे ही सतगुरु माता जी दुनिया में प्यार फैला रहे हैं।

यही पैगाम इन बाल समागमों के माध्यम से भी दिया जा रहा है। और यह बच्चे भी संस्कार युक्त होने के कारण अलग नज़र आ रहे हैं। उन्होंने बच्चों को प्रेरणा देते हुए कहा कि बचपन में जिस मां को बच्चा मां मेरी है परंतु बड़े होकर मां तेरी है को नही अपनाना है। यही संस्कार बचपन से भरे जा रहे हैं कि बड़ों का आदर करना है। माता पिता का नाम रोशन करना और मिशन का नाम आगे बढ़ाना है।

मसूरी जॉन के जोनल इंचार्ज हरभजन सिंह ने संदीप गुलाटी का स्वागत किया वहीं पूरे जॉन से आये बाल संगतों का भी आभार प्रकट करते हुए कहा कि बच्चे हमारे देश की धरोहर है ,निरंकारी मिशन आज पूरे  विश्व में बचपन से ही बच्चों के अंदर अच्छे संस्कार देने का काम कर रहा है जिससे बच्चा अपने जीवन में समाज की सेवा अच्छी से निभा सके।

देहरादून ब्रांच के संयोजक नरेश बिरमानी ने आयी सँगत का आभार व्यक्त करते हुए बच्चों को एक एक फूल के पौधे भेंट किये।

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