उत्तराखंड

कलयुग में सत्संग करने से ही होगी मुक्ति – राधा प्रेमी देवी अदिति

मानव जीवन में ही भगवान की भक्ति हो सकती है

सात दिवसीय भागवत कथा का हुआ समापन

पुरोला (उपला देवरा) -पुरोला विकास खण्ड के अंतर्गत उपला देवरा में 9 नवम्बर से 15 नवम्बर तक भागवत कथा का आयोजन किया गया।सैकड़ों लोग कथा को सुनने के लिए आये, वहीं देवी अदिति को व्यास गद्दी से प्रवचन करते हुए बहुत आश्चर्य भी हुआ ,कई लोगों के मनो में यह सवाल भी आ रहा था कि इतनी छोटी उम्र में भागवत कथा सुना रही है।अदिति की कथा सुनकर हर एक उसकी भूरी भूरी प्रशंसा करते रहे। रवाईं घाटी के प्रसिद्ध कथा वाचक शिव प्रसाद नौटियाल भी कथा श्रवण करने पहुँचे ,उन्होंने कहा कि देवी अदिति ने पूरे रवाईं घाटी को जगा दिया है कि नारी भी किसी ने कम नहीं है।अदिति की प्रशंसा करते हुए कहा कि जून 2025 में पुरोला में अष्टदस शिवमहापुराण का आयोजन होगा। जिसमें अदिति भी व्यास गद्दी से प्रवचन करेगी।

    बाल व्यास देवी अदिति ने कहा कि भागवत कथा का सार यह है मनुष्य सद्कर्म करे ,सत्संग करे ।कलयुग में सत्संग करने से ही मनुष्य रूपी देह को मुक्ति मिलेगी। आज  मनुष्य अपने कर्मों को छोड़कर उल्टे सीधे कर्म कर रहा है अपने स्वार्थ के लिए वह दूसरे को परेशान कर रहा ,मनुष्य आज एक दूसरे का खून का प्यासा बना हुआ है, जहां प्रभु का सुमिरन करना था वहां दूसरे की बुराई में रातदिन लगा है ,अपनी प्रशंसा के लिए जगह जगह लोकदिखावा कर रहा है ,केवल अपनी प्रशंसा करने में लगा है ,दूसरे को सुखी देखना ही नही चाहता।दूसरे के सुख से परेशान है ।जिसने भी 7 दिन तक भागवत कथा सुनी है वह अपना आंकलन कर रहा होगा कि मैं क्या कर रहा हूं।

श्री मदभागवत कथा से जीवन मे यदि आपसी प्यार प्रेम आ जाय तो तभी वह सफल आयोजन माना जायेगा।युवाओं को सन्देश देते हुए कहा कि युवा गांव की नगर की जनपद की राज्य की व देश की रीढ़ है यदि रीढ़ मजबूत होगी तो हम हर तरह से मजबूत रहेंगे, यदि युवा ,युवती नशा की ओर जाएंगे तो धीरे धीरे समाज मे टूटन शुरू जाएगी।आज नशे के कारण हजारों घरों के चिराग बुझ रहे हैं।हमें संकल्प लेना है कि जीवन में कोई नशा नही लेंगे।जगह जगह इस तरह के आयोजन का उद्देश्य ही यही है कि इंसान अपने को सदमार्ग की ओर ले जाए।

आध्यत्म के लिये सद्गुरु की शरण में जाकर प्रभु भक्ति करो क्योंकि यदि भौतिक धन दौलत को इकठ्ठी करोगे तो हमेशा दुःखी रहोगे ,प्रभु से प्रेम करोगे तो हमेशा सुखी रहोगे।यही भागवत कथा का सार है।
कथा का कुशल संचालन लोकेन्द्र रतूड़ी ने किया ,उन्होंने कहा कि देवी अदिति ने अपने गांव से भागवत कथा की शुरुआत की इष्ट देवताओं की कृपा से यह पूरे देश मे अपनी कथा से लोगों का मार्गदर्शन करेगी।कथा को श्रवण करने के लिए रवाईं घाटी से हजारों लोगों ने भाग लिया।कुल पुरोहित वीरेन्द्र नौटियाल ने कहा कि अदिति के नाम के साथ ज्ञान गंगा जोड़कर पूरे देश मे गंगा जैसी शीतलता, निर्मलता प्रदान करेगी।सभी ग्रामीणों ने भागवत कथा के आयोजन करने व सुनने में बढ़चढ़ कर भाग लिया।

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