जिला योजना में संतुलित व टिकाऊ विकास के लिए बडे़ विकास कार्याे को दी गयी प्रमुखता
उत्तरकाशी – उत्तरकाशी की जिला योजना में इस बार अनेक महत्वपूर्ण प्राविधान करते हुए जिले की ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों को सुधारने के साथ ही शिक्षा एवं स्वास्थ्य व्यवस्था के सुदृढीकरण एवं नगरीय क्षेत्रों की पेयजल समस्या के समाधान को प्राथमिकता दी गई है। इस बार की जिला योजना में संतुलित व टिकाऊ विकास के लिए बडे़ विकास कार्याे को प्रमुखता देते हुए दीर्घकालीन महत्व की योजनाओं के जरिए अधिकाधिक लोगों को लाभान्वित करने तथा अनेक बहुप्रतीक्षित कार्यों को संपादित करने पर विशेष ध्यान दिया गया है। इसके लिए विभिन्न विभागों की लगभग 300 कार्ययोजनाओं को जिले के प्रभारी मंत्री श्री प्रेमचंद्र अग्रवाल के द्वारा अंतिम रूप से अनुमोदित कर दिया गया है।
जिले के प्रभारी मंत्री श्री प्रेमचंद्र अग्रवाल ने कहा है कि उत्तरकाशी की जिला योजना में जिले के विकास के लिए किए गए महत्वपूर्ण प्राविधानों से आम लोगों की प्रबल आकांक्षाओं और संतुलित व समग्र विकास की आकांक्षाओं को पूरा करने में काफी मदद मिलेगी। प्रभारी मंत्री ने अधिकारियों को जिला योजना के तहत अनुमोदित कार्ययोजनाओं को तत्परता से जमीन पर उतारने की कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा है कि स्वीकृत कार्यों को गुणवत्ता व समयबद्धता से पूरा किया जाय।
उत्तरकाशी जिले की इस वित्तीय वर्ष की जिला योजना के लिए गत 24 जुलाई को प्रभारी मंत्री श्री पेमचंद्र अग्रवाल की अध्यक्षता में आयोजित जिला योजना समिति की बैठक में विभिन्न विभागों की योजनाओं के लिए कुल 76 करोड़ 57 लाख का परिव्यय अनुमोदित किया गया था। यह परिव्यय गत वर्ष की तुलना में 8.04 प्रतिशत अधिक है। अनुमोदित परिव्यय के अनुसार वचनबद्ध मदों में विभागों को पूर्व में धनावंटन करने के बाद अब नई योजनाओं की कार्ययोजना को भी अंतिम रूप से अनुमोदन दे दिया गया है।
जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने बताया कि जिला योजना में मोटर मार्गों का डामरीकरण एवम् सुधार कार्य करवाए जाने की व्यवस्था हेतु लोक निर्माण विभाग की 30 कार्ययोजनाएं अनुमोदित की गई है। जिनमें लाटा पुल पहुंच मार्ग, अठाली मार्ग से हिटाणू भालसी स्कूल मार्ग, प्रा.स्वा.केन्द्र धौंतरी पहुंच मार्ग, कमद-बागी, पुजेली-कोईराला, उपला छिबाला, ढकाड़ा, करड़ा छानी मोटर मार्ग के डामरीकरण के साथ ही गुंदियाटगांव मार्ग से कंडियालगांव मोटर मार्ग का सुदृढीकरण के अलावा एनआईएम मोटर मार्ग, गंगनानी-भंगेली मार्ग, सैंज, जोगत-लंबगांव, सिलक्यारा-गणगांव-चापड़ा-सरोट मार्ग का सतह सुधार कार्य शामिल है। जिला योजना में मोेरगी-कौड़ा से धरासू-तराकोट 375 मीटर के मिसिंग लिंक मोटर मार्ग का निर्माण, गैलाड़ी-अनोल मार्ग से सुनारगांव तक पहुंच मार्ग निर्माण, गढ़ अंबेडकर मोटर मार्ग के किमी 5 तथा मसालगांव-गंगटाड़ी मोटर मार्ग के किमी 2 में वैली ब्रिज का निर्माण, सांकरी मार्ग पर घुयांघाटी में बॉक्स कलवर्ट निर्माण और गवांणा गांव के क्यारकी तोक में पैदल पुलिया निर्माण, गमदिड़गांव में मोटर पुलिया का सुरक्षा कार्य, धौंतरी में पैदल पुल के डैक स्लैब की मरम्मत, राजगढी मोटर मार्ग के किमी 3 में पुल का सुरक्षा कार्य भी स्वीकृत किया गया है। इसके साथ ही जिले में विभिन्न स्थानों पर स्थापित ट्रॅालियो की मरम्मत का कार्य भी करवाया जाएगा। मोरी ब्लॉक के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित इन ट्रॉलियों की मरम्मत की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही थी। देवीसौड़ में आर्च ब्रिज के अनुरक्षण के लिए वियरिंग कोट एवं रंगरोगन कार्य को भी अनुमोदित किया गया है।
जिलाधिकारी ने बताया कि शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ करने पर भी विशेष ध्यान देते हुए जिला योजना में प्रारंभिक शिक्षा के तहत कुल 44 प्राथमिक विद्यालयों भवनों की मरम्मत एवम् 16 विद्यालयों में अतिरिक्त कक्षों का निर्माण का कार्य अनुमोदित किया गया है। इसके साथ ही दो प्राथमिक विद्यालयों में टॉयलेट्स एवं एक विद्यालय में पुस्तकालय कक्ष की स्थापना का कार्य किया जायेगा। उत्कृष्ट विद्यालयों के वाहनों के संचालन से संबंधित व्यय हेतु भी जिला योजना में व्यवस्था की गई है। इन विद्यालयों को 12 वाहन जिला खनिज न्यास मद से उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
माध्यमिक विद्यालयों में खेलकूद सुविधाओं के विकास के लिए जिले राजकीय इंटर कॉलेज मनेरी, धौंत्री, गेंवला-ब्रहमखाल, श्रीकोट, राजगढी, पुरोला, हुडोली, सांकरी, नैटवाड़, गुन्दियाट्गांव एवं कीर्ति इंटर कॉलेज उत्तरकाशी सहित कुल 11 विद्यालयों मे खेल मैदान निर्माण, विस्तार, चारदीवारी, ट्रैक निर्माण तथा अन्य अवस्थापना सुविधाओं की व्यवस्था की महत्वपूर्ण योजना भी इस बार जिला योजना में शामिल की गई है। मोरी और सौरा के रा. इंटर कॉलेज भवनों की मरम्मत कार्य के लिए भी धनराशि का प्राविधान किया गया है। जिला पुस्तकालय के मौजूदा कक्षों की मरम्मत तथा डिजीटल लाईब्रेरी स्थापना हेतु कक्ष व शौचालय निर्माण की योजना भी अनुमोदित की गई है।
स्वास्थ्य सुविधाओें के विस्तार पर भी जिला योजना में इस बार ठोस प्रयास करते हुए सामुदायिक स्वास्थ केंद्र पुरोला के अंतर्गत 4 बेड का आईसीयू के साथ ही 4 बेड की डायलिसिस यूनिट के भवन का निर्माण और ऑक्सीजन सप्लाई व्यवस्था के अतिरिक्त सीबीसी यूनिट के चिकित्सको हेतु टाइप-4 के चार आवास का निर्माण सहित अनेक महत्वपूर्ण योजनाएं स्वीकृत की गई हैं।
नगरीय क्षेत्रों में ग्रीष्मकाल में उत्पन्न होने वाली पेयजल समस्या के समाधान हेतु जिला योजना में गंगोत्री विधान क्षेत्र में गंगोरी व ज्ञानसू तथा पुरोला विधान सभा क्षेेत्र मे नौगांव व पुरोला में ट्यूबवेल की स्थापना का प्राविधान किया गया है। इसके साथ ही जल जीवन मिशन के मानकों में न आने के कारण छूटे हुए विभिन्न तोकों व छानियों मे पेयजल की आपूर्ति की व्यवस्था के लिए भी जिला योजना में धनराशि की व्यवस्था की गई है।
जिला योेजना के तहत सिंचाई विभाग के द्वारा 31 नहरों की मरम्मत एवम् पुनर्निर्माण कार्य के साथ ही बड़ीमणी गांव के सेरातोक में दो किमी लंबी नहर का निर्माण भी किया जाएगा। द्वारासेरी तोक एवं घरदारा तोक में दो सोलर लिफ्ट सिंचाई योजनाओं का निर्माण की योजना भी अनुमोदित की गई है। इसके अलावा लघु सिचाई के अंतर्गत 33 गूलो का मरम्मत व पुर्निनर्माण का कार्य किया जायेगा जिनसे कुल 136.67 हेक्टेयर क्षेत्रफल में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध करवाई जा सकेगी। सिंचाई से संबंधित इस कार्यों में मनरेगा से भी रू. 485.50 लाख की लागत के अंश का कन्वरजेंस किया जाएगा। नहरों व गूलों की मरम्मत के कार्यों के लिए तात्कालिक संचालन हेतु अस्थाई कार्य कराए जाने के बजाय स्थाई व समुचित मरम्मत किए जाने का प्राविधान कर सिंचाई विभाग की प्रत्येक नहर के लिए इस बार 6 लाख से लेकर 40 लाख तक की धनराशि अनुमोदित की गई है।
अनुमोदित कार्ययोजनाओं में आकांक्षी ब्लॉक मोरी मे मृदा परीक्षण प्रयोगशाला की स्थापना की जायेगी एवम् जनपद स्तरीय मृदा परीक्षण प्रयोगशाला का सुधार करने, वन विभाग के अधीन पड़ने वाले 18 रास्तों एवं पुलो की मरम्मत के साथ ही विकास भवन सभागार सहित जिले के सभी विकास खंड कार्यालयों वीडियो कान्फ्रेंसिंग कक्षों का निर्माण कराने की व्यवस्था भी की गई है।
पर्यटन विकास की योजनाओं के तहत इस बार जिले के 10 प्रमुख ट्रैकिंग मार्गों के सुुदृढीकरण सहित इनके बेस कैम्प और अन्य प्रमुख पड़ावों पर अस्थाई प्री-फैब्रिकेटैड हट व बायो टॉयलेट्स का निर्माण की योजनाओं को प्रमुखता दी गई है। जिनमें जरमोला से केदारकांठा, सांकरी से केदारकांठा, कोटगांव से केदारकांठा, जानकीचट्टी से सप्तऋषि, अगोड़ा से डोडीताल, रैथल से दयारा, चौरंगीखाल/अलेथ-हरून्ता बुग्यसाल-बेलक-कुशकल्याण, भंगेली से गिडारा बुग्याल, जादुंग से जनकताल और हर्षिल से क्यारकोटी बुग्याल के ट्रैकरूट्स को शामिल किया गया है।