उत्तराखंड

लोकसभा चुनाव 2024- मतदेय स्थलों पर पोलिंग पार्टियों की रवानगी का सिलसिला शुरु 

लोकतंत्र के सबसे बड़े उत्सव में मतदान रूपी आहुति डलवाने के लिए निर्वाचन आयोग की मशीनरी पूरी तरह तैयार 

देहरादून। लोकतंत्र के सबसे बड़े उत्सव लोकसभा चुनाव में मतदान रूपी आहुति डलवाने के लिए निर्वाचन आयोग की मशीनरी पूरी तरह तैयार है। मतदेय स्थलों पर पोलिंग पार्टियों की रवानगी का सिलसिला भी शुरू हो गया है। बुधवार को इसकी शुरुआत दूरस्थ क्षेत्र चकराता के अति दुर्गम मतदेय स्थलों की 122 पोलिंग पार्टियों की रवानगी के साथ की गई। बाकी क्षेत्रों की 1,758 पोलिंग पार्टियों को मतदान से एक दिन पहले गुरुवार को रवाना किया जाएगा। पोलिंग पार्टियों के रवानगी स्थल महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कालेज में सुबह से ही गहमागहमी का माहौल था। चकराता के दूरस्थ क्षेत्रों की पोलिंग पार्टियां रवानगी की तैयारी में व्यस्त थीं, जबकि बाकी क्षेत्रों की पार्टियां निर्वाचन सामग्री प्राप्त कर रही थीं। पोलिंग पार्टियों की रवानगी के लिए स्वयं जिला निर्वाचन अधिकारी/जिलाधिकारी सोनिका अफसरों की टीम के साथ मौजूद रहीं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी डा. बीवीआरसी पुरुषोत्तम भी जायजा लेने पहुंचे, ताकि पोलिंग पार्टियों को रवानगी के पहले मतदान में निष्पक्षता और पारदर्शिता का अंतिम पाठ पढ़ाया जा सके।

देहरादून जिले में टिहरी संसदीय सीट के सात विधानसभा क्षेत्रों, जबकि हरिद्वार सीट के तीन विधानसभा क्षेत्रों के लिए मतदान कराया जाएगा। जिले के 10 विधानसभा क्षेत्रों के अंतर्गत 1,880 मतदेय स्थल हैं और दूरी की बात की जाए तो चकराता क्षेत्र में 122 बूथ ऐसे हैं, जहां तक पहुंचने के लिए 10 किलोमीटर व इससे अधिक की भी पैदल दूरी तय करनी होगी। लिहाजा इन पार्टियों को मतदान से दो दिन पहले रवाना किया गया। पोलिंग पार्टियों की रवानगी के लिए महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कालेज में सभी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गईं।

 

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने स्ट्रांग रूम का निरीक्षण कर प्रशिक्षण हाल में भी विभिन्न व्यवस्था का जायजा लिया और मास्टर ट्रेनर को आवश्यक निर्देश दिए। बुधवार को पोलिंग पार्टियों की रवानगी के अलवा अन्य क्षेत्रों की 1,758 पार्टियों को प्रशिक्षण दिया गया और मतदान सामग्री वितरित की गई। इस अवसर पर जिला निर्वाचन अधिकारी/जिलाधिकारी सोनिका के साथ मुख्य विकास अधिकारी झरना कमठान, एडीएम जय भारत सिंह, सिटी मजिस्ट्रेट प्रत्यूष सिंह, एसडीएम हरगिरी गोस्वामी आदि मौजूद रहे।

चकराता के दूरस्थ क्षेत्रों में जाने वाली पोलिंग पार्टियां तीन ईवीएम के साथ रिजर्व ईवीएम भी अपने साथ ले गईं। जबकि रिजर्व ईवीएम सेक्टर मजिस्ट्रेट को अपने साथ ले जानी थी। कई पोलिंग पार्टी के पीठासीन अधिकारियों ने अधिक सामान होने पर निराशा व्यक्त की। उन्होंने बताया कि उन्हें 10 किलोमीटर पैदल पहाड़ में चढ़कर जाना है। पहले से ही उनके पास तीन ईवीएम मशीन और खुद का सामान है। ऐसे में रिजर्व ईवीएम होने से उनके पास सामान अधिक बढ़ गया और उन्हें सिर पर रखकर ईवीएम ले जानी पड़ी।

चकराता के दूरस्थ क्षेत्र में जाने वाली पोलिंग पार्टियों को समय से वाहन नहीं मिले। उन्होंने काफी देर तक बैठ कर इंतजार किया। इसके बाद वाहन मिले। चकराता के बहरावा बूथ को जाने वाले पोलिंग पार्टी के कर्मचारियों ने बताया कि वह करीब 20 मिनट से बैठे हैं, लेकिन वाहन नहीं आया।

न ही वाहन चालक का नंबर उन्हें नहीं दिया गया। हालांकि, करीब आधे घंटे बाद वाहन आने पर वह रवाना हुए। इसके अलावा कई वाहन छोटे होने पर पोलिंग पार्टी टीम को बैठने के लिए उचित जगह नहीं मिली। खासतौर पर कई वाहनों में करियर न होने से वाहन के अंदर की काफी जगह सामानों से पट गई।

चकराता विधानसभा के दूरस्थ इलाकों में जाने वाली पार्टियों में एक पीठासीन अधिकारी, दो अपर पीठासीन अधिकारी, एक सहायक और दो सुरक्षाकर्मी साथ गए। इस दौरान हर पोलिंग पार्टी में कुल छह कर्मचारियों को रवाना किया गया। इसके अलावा जोनल और सेक्टर मजिस्ट्रेट के साथ भी सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए। पार्टियों की सुरक्षा के लिए हिमाचल प्रदेश की होमगार्ड की टीम आई। सुरक्षाकर्मचारियों ने पहले आराम किया और बाद में ड्यूटी के लिए रवाना हुए।

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