देहरादून के शिवराज कालोनी में निरंकारी सन्त समागम
शशी बिष्ट व सुनीता तोपवाल ने अपने कालोनी में दिया सभी को सत्संग आने का निमंत्रण
देहरादून शहर के जगह जगह से आये निरंकारी अनुयायी
देहरादून – सन्त निरंकारी मिशन पूरे विश्व मे आपसी भाईचारे ,प्रेम, कायम रहे ,उसके लिए जगह जगह संगतों का आयोजन करते हैं।बडोंवाला के शिवराज कालोनी में 11बजे से 1 बजे तक सत्संग का कार्यक्रम हुआ जिसमें मुख्या वक्ता महादेव कुड़ियाल ने सत्संग का महत्व समझाते हुए कहा कि आज के युग में हर इंसान भगवान की खोज में लगा है खोजते खोजते दम तोड़ रहा है लेकिन उसे भगवान नही मिल पा रहा है।संसार में सभी लोग भक्ति कर रहे हैं।लेकिन भगवान का पता नहीं कर पा रहे हैं।
उन्होंने भागवत गीता का उदाहरण देकर समझाने का प्रयास किया कि श्रीकृष्ण अर्जुन के सखा ,रिस्तेदार भी थे लेकिन वे हमेशा श्रीकृष्ण को सखा ही समझते रहे ।कुरूक्षेत्र में जब दोनों ओर से सेना लड़ने को तैयार थी तो अजुर्न ने युद्ध करने से मना कर दिया कि मैं अपने भाई बांधव को कैसे मार सकता हूँ इनको मारने से मुझे केवल दुःख ही मिलेगा।श्री कृष्ण ने कई बार समझाने पर भी अर्जुन तैयार नही हुआ तो श्रीकृष्ण ने कहा कि जो तू मुझे समझ रहा है मैं वह नही हूँ।मुझे पहचानने के लिये तो आँख ही दूसरी चाहिए, जब अजुर्न को दिव्या दृष्टि दी गयी तो अर्जुन श्रीकृष्ण के पैरों में पड़ गये कहा कि मैं तुम्हारा दास हूँ जो कहोगे मैं करूँगा।उसी तरह सद्गुरु जब जीवन में आते हैं तो अपने दिव्य ज्ञान से भगवान के दर्शन करवा देते हैं।
यदि इंसान चाहे तो उसे भगवान के दर्शन हो सकते हैं ।आज समय का पैगम्बर सद्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज जी हैं जो पूरे विश्व भाईचारा ,प्रेम के साथ जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं समय के साथ पैगम्बर बदलते हैं अनुयायी बदलते हैं लेकिन ज्ञान कभी नही बदलता।भगवान पहले भी था आज भी आगे भी रहेगा। निरंकारी मिशन समाज में बढ़चढ़ कर अपनी भूमिका निभा रहा है
उत्तराखंड के हर जिले में रक्तदान के लिए निरंकारी मिशन के लोगों को खासा उत्साह देखा गया है।समाज के हर तपके के लोगों को एक साथ मिलकर बैठना ,आपसी भाईचारे को बढ़ावा देना इंसान को इंसान बनाने का काम निरंकारी मिशन कर रहा है।संगत में सैकड़ों लोगों ने भाग लिया।