पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन एनएमओपीएस द्वारा आज से प्रदेश में UPS लागू करने का पुरजोर विरोध
देहरादून – आज पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन NMOPS UTTRAKHAND द्वारा आज से प्रदेश में UPS लागू करने का पुरजोर विरोध किया गया, प्रदेश में सभी शिक्षक, कर्मचारी एवं अधिकारी वर्ग ने अपने कार्यस्थल पर काली पट्टी बांध कर विरोध जताया और सभी जनपदों में प्रतिनिधि मंडल द्वारा जिलाधिकारी महोदय के माध्यम से ज्ञापन माननीय मुख्यमंत्री जी को दिया गया जिसमें पुरानी पेंशन बहाली करने हेतु एवं UPS और NPS का पुरजोर विरोध किया गया, ज्ञापन ।
जैसा कि आपको विदित ही है कि सरकारी कार्मिकों के द्वारा नदी पेशन व्यवस्था स्थान पर पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने के लिए पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आन्दोलन (MOPS) के बैनर तले कई वर्षों से पूरे देश में आन्दोलन किया जा रहा है जिसकी दृष्टिगत रखते हुये केन्द्र सरकार के द्वारा नई पेंशन योजना (Ps) के स्थान पर केन्द्रीय कर्मचारियों के लिए पूनियाईड पेशन धोजना (UPS), को 01 अप्रैल 2025 से लागू की जायेगी की घोषणा की गयी है तथा उत्तराखण्ड
सरकार द्वारा भी इस योजना को 01 अप्रैल 2025 ागू किया जा रहा है। महोदय यूनिफाईड पेंशन योजना (PS) में कई प्रकार की खानियों नजर आ रही है
जो निम्नलिखित है-
१. कार्मिकों द्वारा अपने तन से कटकर अंशदान के रूप में जमा की गयी 10 प्रतिशत की राशि को कार्मिकों को वापस नहीं किया जायेगा जबकि पुरानी पेंशन बस्था में यह राशि वोल्फ में जमा हो जाती थी नाती या सेवा के दौरान कार्मिकों को वापस हो जाती थी। राज्य सरकार में 1 अक्टूबर 2006 के पश्चात नई पेंशन योजना प्रारम्भ की गयी श्री जिसको लगभग 20 वर्ष का समय पूर्ण हो चुका है तथ्य कार्मिक सेवानिवृत्ति की और अग्रसर है इस समय पर नई पेंशन योजना में सुधार किये जा रहे हैं। कार्मिको द्वारा NPS कटौती के अतिरिक्त किसी भी प्रकार की बचत इन 20 वर्षों में नहीं की गयी है तथा यूनिफाईड पेंशन योजना (UP) में कार्मिकों को उसकी 10 प्रतिशत की NPS कटौती वापस नहीं की जा रही है।
2. पुरानी पेंशन योजना में राज्य में 20 वर्ष की सेवा के पश्वात् पूरी पेंशन का प्राविधान था जो
अब 25 वर्ष के पश्चात भी पूर्ण रूप से प्राप्त नहीं होगी।
2. एक ही राज्य में कार्मिक अधिकारी, कर्मचारी एवं शिक्षक) को 03 प्रकार की पेंशन प्राप्त होगी यथा NPS UPS तथा OPS, जो समानता के अधिकारों का सरासर उल्लंघन है तथा कार्मिकों को आपस में बाटने का प्रयास प्रतीत होता है।
• युनिफाईड पेंशन योजना (UPS) ज्यूटी में भी भारी नुकसान है।
5 नई पेंशन योजना (MPS) तथा यूनिफाईड पेंशन योजना (७७) दोनी ही पूर्ण रूप से बाजार आधारित योजना है जबकि पुरानी पेंशन योजना (OPS) सरकार द्वारा दी जा रही है।
• सेवानिवृत्ति के पश्चात् तथा UPS में चिकित्सा प्रतिपूर्ति तथा अन्यका प्रधान नहीं है।
महोदय, उपरोक्त तथ्यों को देखते हुये कार्मिकों को अपने भविष्य के प्रति भारी आशंका है। पूर्व में भी भारत सरकार द्वारा जब नयी पेंशन योजना (NPS) प्रारम्भ की गयी थी उसका प्रचार-प्रसार कर कार्मिकों को सब्जबाग दिखाये गये थे, कि कार्मिकों को करोड़ों रूपये मिलेंगे तथा अच्छी पेंशन प्राप्त होगी, लेकिन विगत 20 वर्षों से लगातार नयी पेंशन योजना में सुधार करने पर भी यह योजना कार्मिकों के भविष्य को अंधकारमय कर रही है। महोदय, नयी पेंशन योजना (NPS) के साथ ही यूनिफाईड पेंशन योजना (UPS) में भी कर्मचारियों का भविष्य असुरक्षित है. क्योकि कर्मचारियों द्वारा किया गया अंशदान तथा अन्य सुविधायें कार्मिकों को प्राप्त नहीं होगी।
पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आन्दोलन (NMOPS) विगत कई वर्षों से पूरे देश के साथ-साथ उत्तराखण्ड राज्य में पुरानी पेंशन बहाली के लिए लगातार संघर्षरत है। इन्ही संघर्षों को परिणामस्वरूप कई प्रदेशों में पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल हो चुकी है तथा हमारे पडोसी राज्य हिमांचल में भी सभी कार्मिक पुरानी पेंशन व्यवस्था से आच्छादित हो गये है।
महोदय पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आन्दोलन (NMOPS) आपसे अनुरोध करता है कि प्रदेश के लगभग 01 लाख कर्मचारियों को नयी पेंशन योजना (NPS) या यूनिफाईड पेंशन योजना (UPS) के स्थान पर पुरानी पेशन बहाल करने की महती कृपा प्रदान करेगें। अन्यथा की स्थिति में पूरे भारतवर्ष के साथ ही उत्तराखण्ड में भी आन्दोलन को और तेज किया जायेगा जिसका सम्पूर्ण उत्तरदायित्व सरकार एवं शासन का होगा।
प्रांतीय अध्यक्ष जीत मणि पैन्युली, महामंत्री मुकेश रतूड़ी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष जग मोहन सिंह रावत, प्रचार प्रसार मंत्री हर्ष वर्धन जमलोकी, कोषाध्यक्ष शांतनु शर्मा, जनपद अध्यक्ष सुनील गुसाई, गोपाल सिंह, पूर्ण राणा, विजेंद्र कंडारी, जयपाल सिंह लिए,अनिल सिंह पंवार,सुरेंद्र श्रीकोटी, आशीष यादव, होशियार सिंह गुसाई, अर्चना बंगवाल, उषा भंडारी, संजय भारद्वाज, रज्जाक अहमद, राजेश कुमार, सुदर्शन सिंह राणा, दीपक सिंह पवार, विकास तोपवाल, आशीष नौटियाल, अजय नेगी, विद्या दत्त जोशी, देवेश नेगी, हंसराज सिंह, मनोज कुमार, एकता सिंह, पंकज बिष्ट, अरुण उनियाल, के के राज आदि।