उत्तराखंड

10 अप्रैल को ग्रीष्मकालीन अस्थाई राजधानी  गैरसैंण में पुरानी पेंशन बहाली के लिए पहुंचेंगे हजारों कार्मिक

देहरादून – पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन के तत्वाधान में 10 अप्रैल को उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन अस्थाई राजधानी गैरसैंण में पेंशन बहाली को लेकर आक्रोश मार्च होगा। पुरानी पेंशन वाली राष्ट्रीय आंदोलन के प्रदेश अध्यक्ष जीतमणि पैन्यूली ने कहा कि सरकारें राष्ट्रवाद की आड़ में जो खेल खेल रही है इसका लाभ सीधे पूंजीवादियों को हो रहा है कर्मचारियों का पैसा शेयर मार्केट के हवाले किया जा रहा है ।
पुरानी पेंशन बहाल न होने की स्थिति में सरकारी सेवाओं में प्रतिभाशाली लोग आने की इच्छा जाहिर नहीं करेंगे।
देश का भविष्य पूंजीपतियों के हवाले हो जाएगा
आज जब देश तकनीकी, आर्थिक और वैश्विक मोर्चों पर आगे बढ़ रहा है, वहीं सरकार की नीतियाँ एक वर्ग विशेष — गरीब और मध्यम वर्गीय जनता  के भविष्य को अंधकार की ओर ढकेल रही हैं। पुरानी पेंशन व्यवस्था का न होना सिर्फ एक वित्तीय मुद्दा नहीं, बल्कि यह करोड़ों मेहनतकश सरकारी कर्मचारियों के आत्मसम्मान और सुरक्षित भविष्य का प्रश्न है।
NPS जैसी योजनाओं से देश का तंत्र कमजोर होगा और निजीकरण को मिलेगा बढ़ावा।
जब सरकारी सेवाओं में प्रतिभाएं नहीं आएंगी, तो आम जनता को सेवा देने वाले तंत्र की गुणवत्ता गिरती जाएगी।
यह पुरानी पेंशन की बहाली सिर्फ कर्मचारी हित नहीं, जनहित का मुद्दा है।
यह लड़ाई सिर्फ कर्मचारियों की नहीं, उस हर गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार की भी है जो अपने बच्चों को पढ़ाकर सरकारी सेवा में भेजता है ताकि परिवार को सुरक्षा और सम्मान मिल सके। यदि आज पुरानी पेंशन बहाल नहीं की गई, तो आने वाले समय में इन परिवारों का भविष्य संकट में पड़ जाएगा और देश की सामाजिक संरचना बिखर जाएगी।
10 अप्रैल गैरसैंण के कार्यक्रम को लेकर प्रदेश अध्यक्ष जीतमणी पैन्यूली के नेतृत्व प्रदेश के समस्त जनपदों के अधिकारी, कर्मचारी एवं शिक्षक सैकड़ों की संख्या में प्रतिभाग करेंगे।
वर्ष 2005 के बाद सरकारी सेवाओं में अपनी सेवाएं देने वाले देश के शिक्षक/ कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का लाभ नहीं मिल पा रहा है। पुरानी पेंशन बहाली को लेकर देश का शिक्षक कर्मचारी लगातार पिछले कई वर्षों से अपनी मांग को मनवाने के लिए संघर्षरत है। सरकारी कर्मचारी का कहना है कि पुरानी पेंशन को बंद करना सरकार का बहुत गलत निर्णय है सरकारी सेवा में आने के बाद एक आस होती है कि पेंशन से बुढ़ापा अच्छा कटेगा। नई पेंशन स्कीम से कर्मचारियों के भविष्य की अनदेखी हो रही है नई पेंशन स्कीम पूर्ण रूप से शेयर मार्केट पर आधारित है जिससे पूरे देश की अर्थव्यवस्था भी डगमगा रही है। और देश को बड़ा नुकसान हो रहा है इससे पूंजीवाद लोगों को मजबूत किया जा रहा है। देश का अधिकारी, कर्मचारी एवं शिक्षक नई पेंशन योजना NPS एवं एकीकृत पेंशन योजना UPS यूपीएस को किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं करेगा।
पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन उत्तराखंड NMOPS को उत्तराखंड डिप्लोमा फार्मेसी एसोशियन, राजकीय शिक्षक संघ, उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ, उत्तराखंड राजकीय वाहन चालक संघ, प्राथमिक सामाजिक टीईटी उत्तीर्ण शिक्षक संघ, उत्तरांचल पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन, उत्तरांचल मिनिस्ट्रीयल फेडरेशन, उत्तरांचल डिप्लोमा इंजीनियर महासंघ , सचिवालय संघ, उत्तरांचल संयुक्त कर्मचारी महासंघ, उत्तरांचल शिक्षणेत्तर कर्मचारी महासंघ, आदि तमाम मान्यता प्राप्त महासंघो ने NMOPS को अपना समर्थन दिया है ।
कार्यक्रम में प्रांतीय कार्यकारिणी से प्रदेश अध्यक्ष जीतमणि पैन्यूली , राष्ट्रीय अतिरिक्त महासचिव एवं महामंत्री मुकेश रतूड़ी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष जग मोहन सिंह रावत, राष्ट्रीय मिडिया प्रभारी एवं प्रदेश प्रवक्ता सूर्य सिंह पंवार ,प्रदेश कोषाध्यक्ष शांतनु शर्मा, संगठन मंत्री पुष्कर राज बहुगुणा, प्रवेश उनियाल, मीडिया प्रभारी हर्षवर्धन जमलोगी, मण्डल अध्यक्ष विकास शर्मा, मण्डल सचिव देवेंद्र फरसवान, राष्ट्रीय मुख्य संरक्षक वाहन चालक संघ संदीप मौर्य, सुखदेव सैन, सदा शिव भास्कर, जय प्रकाश बिजलवान, अनूप जदली, पुरण राणा, सुशील तिवारी संतोष गड़ोही, उर्मिला द्विवेदी आदि पदाधिकारी कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगे।

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