एक युवा ऐसा भी, जिसने कई युवाओं को भी दिया रोजगार
पुरोला विकास खण्ड के सुनाली गांव का नाम कर रहा रोशन
बचपन से ही संगीत सीखना चाहता था राहुल
पुरोला-यदि मन में कुछ करने की ठानी हो तो सफलता उसके पैर छूती है। पुरोला विकास खण्ड के ग्राम पंचायत सुनाली में एक साधारण परिवार में जन्मा राहुल जिसके पिता मनमोहन व माता सरोज है। प्राथमिक विद्यालय सुनाली में ही अपनी पढ़ाई की सुरुआत की। कक्षा छः में जवाहर नवोदय विद्यालय धुन गिरी में अपनी पढ़ाई के लिए चला गया।इंटर करने के बाद उसके घरवाले उसे डॉक्टर बनना चाहते थे। राहुल का बीएएमएस में चयन मेडिकल कालेज शिमला हिमाचल प्रदेश में हो गया।घर से डॉक्टर बनने के लिए वह शिमला चला गया कुछ दिनों बाद वह देहरादून में रहना लगा क्योंकि वह डाक्टर बनना ही नहीं चाहता था।कई महीनों से वह अपने पिता को झूठ कहता रहा कि मैं शिमला में मेडिकल कालेज में ही हूँ। लेकिन जब पता चला कि वह सब झूठ कह रहा है तो उसके पिता ने उसे बहुत डांटा।
घर वालों की बाजह से उसने फिर सिविल से पालटेक्निक की। वहां भी उसे रास नहीं आया।घर से दबाब होने के कारण डी वी एस कालेज के एडमिशन ले लिया।बीएससी करने के बाद उसने मन में जो चल रहा था उसकी तैयारी में जुट गया। राहुल ने बताया कि मैं बचपन से ही एक संगीतकार बनना चाहता था, क्योंकि बचपन में मेरे पिताजी मुझे उत्तराखंड के प्रसिद्ध गायक नरेन्द्र सिंह नेगी के गाने सुनाते थे ।मैंने बचपन से ही ठान ली कि मैं भी नेगी की तरह बहुत बड़ा संगीतकार बनूगा।अपनी मेहनत से उसने अपने घरवालों को बता दिया कि मैं केवल संगीत ही सीखना चाहता हूं। रेडियो एफएम की जब शुरुआत हुई तो सबसे पहले गढ़वाल का पहला गायक राहुल था।फिर कई न्यूज चैनल वालों ने उसके इंटरब्यू लेने शुरू कर दिये।।
आज उसका अपना प्रोडक्शन है ।जिसमें गढ़वाल के बड़े बड़े कलाकार उसके पास अपने गानों को रिलीज कराते हैं।उसके साथ दर्जनों युवाओं को भी रोजगार मिला है।उसने बताया कि हमारे समाज में केवल सरकारी नौकरी वाले को तबज्जो दी जाती है जबकि अपने रोजगार से कई लोगों को भी रोजगार मिलता है।आज वह लाखों रुपए कमाता है।युवाओं के लिए उसने एक मिशाल कायम की है।