उत्तराखंड

राकेश रतूड़ी को कोलंबिया पैसिफिक वर्चुअल यूनिवर्सिटी ने मानद उपाधि से किया सम्मानित

पुरोला – राकेश रतूड़ी का जन्म ग्राम उपला देवरा विकास खण्ड पुरोला जनपद उत्तरकाशी में हुआ।इनकी इंटर मीडियट की शिक्षा दीक्षा अपने ही विकास खण्ड में हुई। उसके बाद हेमंती नन्दन बहुगुणा विश्व विद्यालय से इन्होंने स्नाकोत्तर की डिग्री हासिल की। वर्ष 1999- 2000 में इन्होंने महाराष्ट्र के अमरावती विश्व विद्यालय से वेचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन की डिग्री हासिल की।अपने छात्र जीवन से ही आंदोलन कारी रहे।वर्ष 1988 में अपने ही कालेज  के दो शिक्षकों के द्वारा पढ़ाई परलापरवाही के चलते  दो शिक्षकों के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया।यह आंदोलन लगभग दो सप्ताह तक चला।वर्ष 1994 में उत्तराखंड आंदोलन में बढ़चढ़ कर भाग लिया।वर्ष 2002से 2005 तक अपने बेरोजगार युवाओं के लिए पूरे प्रदेश में रोजगार के लिए बहुत बड़ा आंदोलन चलाया।सरकार के मुख्यमंत्री व मंत्रियों के खिलाफ खुलकर विरोध प्रदर्शन किया ,जिस कारण इनको सरकार ने  19 दिन तक देहरादून जेल में कैद कर दिया।जेल से रिहा होने के बाद फिर आंदोलन शुरू कर दिया सरकार ने इनकी मांग को स्वीकार किया सैकडों युवाओं को रोजगार मिला।कोविड काल मे इन्होंने अपने गांव में पर्यावरण संरक्षण के लिये ग्रामीणों को साथ लेकर सैकड़ों पौधों का रोपण किया।क्षेत्र में नशा को रोकने के लिये अपने ही गांव से शुरुआत की।
आज भी इनके गांव में शादी,पार्टियों में नशा पूरी तरह प्रतिबंधित है।सरकार भी उत्तराखंड को नशामुक्त करना चाहती है।राकेश रतूड़ी के इस तरह के कार्यों में अहम भूमिका को देखते हुएकोलंबिया वर्चुअल विश्वविद्यालय ने इनको मानक उपाधि से समानित किया ।अब राकेश रतूड़ी डॉ0 राकेश रतूड़ी के नाम से जाने जाएंगे।पूरे क्षेत्र में इनके इस उल्लखनीय कार्यों के लिए मानद उपाधि से सम्मानित होने पर खुशी की लहर है।सामाजिक कार्यों में इनके योगदान की सभी भूरी भूरी प्रशंसा कर रहे हैं। लगभग 20 वर्षों से पत्रकारिता कर रहे हैं।अपनी कलम से इन्होंने कई भ्रष्टाचार के मुद्दे उठाये। वर्तमान में राकेश रतूड़ी पत्रकारिता में अपना अहम योगदान दे रहे हैं।

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