उत्तराखंड

जिला मुख्यालय पर आयोजित वाईब्रेंट विलेज प्रोग्राम की समीक्षा बैठक

उत्तरकाशी   – जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने वाईब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत चयनित सीमांत क्षेत्र के गांवों में आजीविका संवर्द्धन और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए दीर्घकालीन महत्व की बड़ी परियोजनायें प्रस्तावित करने के निर्देश देते हुए कहा है कि इन क्षेत्रों की भविष्य की आवश्यकताओं का भी पूरा ध्यान रखते हुए परियोजनाएं तैयार की जांय।
जिला मुख्यालय पर आयोजित एक बैठक में वाईब्रेंट विलेज प्रोग्राम की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने कहा कि सीमांत क्षेत्र में आजीविका के बेहतर अवसर उपलब्ध कराने के लिए पर्यटन विकास से जुड़ी महत्वाकांक्षी योजनाएं तैयार कर भारत सरकार की स्वीकृति के लिए भेजी जांय। इसके लिए क्षेत्र में ट्रैक रूट्स का विकास करने और अन्य जरूरी सुविधाओं व बुनियादी अवस्थापनाओं की व्यवस्था करने के साथ ही गंगोत्री नेशनल पार्क के गोमुख क्षेत्र के लिए भी योजनाएं बनाई जानी जरूरी है। जिलाधिकारी ने कहा कि वाईब्रेंट विलेज प्रोग्राम में शामिल क्षेत्रों में बर्फबारी के दौरान विद्युत लाईनों के क्षतिग्रस्त होने के समस्या के समाधान के लिए क्षेत्र की बिजली आपूर्ति लाईनों को भूमिगत किए जाने का प्रस्ताव तैयार किया जाय। जिलाधिकारी ने हर्षिल क्षेत्र के गांवों को परस्पर ट्रैक मार्गों से जोड़े जाने की योजना का प्रस्ताव तैयार करने के साथ ही स्वीकृत योजनाओं को समयबद्ध क्रियान्वयन करने की हिदायत दी।
बैठक में बताया गया कि वाईब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत वर्ष 2023-24 में प्रस्तावित 87 योजनाओं में से कुल रू. 11.49 करोड़ की लागत की 27 योजनाओं की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। इस प्रोग्राम के तहत वर्ष 2024-25 में भी 16 योजनाएं प्रस्तवित की गई हैं।
बैठक में जिलाधिकारी ने रीवर एंड स्प्रिंग रिजुविनेशन अथॉरिटी (सारा) कार्यक्रम के तहत जल स्रोतों एवं सहायक नदियों के संरक्षण एवं पुनर्जीवीकरण से संबंधित योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। जिलाधिकारी ने ‘सारा‘ में प्रस्तावित सभी योजनाओं की डीपीआर तुरंत प्रस्तुत करने के निर्देश देते हुए कहा कि इस कार्यक्रम के तहत कन्वर्जेंस के लिए भी विभागीय स्तर पर समुचित प्राविधान कर योजनाओं का तत्परता से क्रियान्वयन किया जाय।
बैठक में जानकारी दी गई कि जिले में 18 जल स्रोतों के संरक्षण के लिए रू. 7.64 करोड़ लागत की कार्ययोजना स्वीकृत है, जिसके सापेक्ष उत्तरकाशी वन प्रभाग को रू. 1.40 करोड़ की साख सीमा हस्तांतरित की जा चुकी है। इसी तरह आठ सहायक नदियो के संरक्षण के लिए रू. 16.02 करोड़ की लागत की कार्ययोजनाएं तैयार की गई हैं। इन योजनाओं में सहायक नदियो के जल संग्रहण क्षेत्र के ऊपरी हिस्सों में वन विभाग तथा निचले हिस्सों में ग्राम्य विकास विभाग के द्वारा कार्य कया जाएगा।
एक अन्य बैठक में जिलाधिकारी ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के तहत जिले में पोर्टल के संचालन एवं पंजीकरण की प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि यूसीसी के तहत विवाह के पंजीकरण के लिए विभिन्न स्थानों पर शिविर आयोजित किए जांय। जिलाधिकारी ने पोर्टल से संबंधित समस्याओं का त्वरित निस्तारण सुनिश्चित करवाने और सभी उप रजिस्ट्रारों को नियमित रूप से पोर्टल के संचालन से संबंधित कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा कि इस काम में लापरवाही करने वाले कार्मिकों को विरूद्ध सख्त कार्रवाही अमल में लाई जाएगी।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी एसएल सेमवाल, अपर जिलाधिकारी पीएल शाह, परियोजना निदेशक डीआरडीए अजय सिंह सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।

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