लोकपर्व फूलदेई पर रोशनी पोखरियाल ने स्वरचित कविता से दिया सन्देश
चमोली – फूलदेई पर्व पर चमोली की रोशनी पोखरियाल ने अपनी स्वरचित कविता को साझा करते हुए उत्तराखंड वासियों को लोक पर्व की शुभकामनाएं जाहिर की जो इस प्रकार से है
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फुल-फुलारी फूलों की, जुनखी-मुनखी झुमीं की।
चल छोरा जोला घौर, रिख -बागों की वेगी डौर ।।
बचपने यों यादों दगड़ी फूलदेई संग्रांदे आप सबूं तें भौत-भौत बधै
- ऐगी_फुल_फुल_माई_ऐगी ग्यूँ जौ की सारी बटिन, बाड़ी चबारी बटिन, सायी धारा -पन्देरा अर्, ह्यूँ- हिवाली धार बटिन,
- आरु-क्वीराला कुटुमुणों मा, डाळि सानणां फुदकुणों मा, सुध्याली – बिज्याली वै तें,
- हुरक्याली-फुरक्याली वै तैं, पयूंलडी जुन्यायी ऐगी । ऐगी फुल-फुल माई ऐगी ।।
- टोखर्यों पर गुँदका लगै, लीपी- पोती बुँदका लगै, रतबिणा मां उठी तैं, द्गड्यओं दगडि जुटी तैं, द्यो- दयबतों थान मां, अपणा गीत गान मां, टवल्खी फुलार्यों का बीच, गौं ग्वावा-बावों का बीच, ऋतु बसंती बयायी