डीएफओ कुन्दन कुमार का दो साल में छठा ट्रांसफर
पुरोला – उत्तराखंड में आई एफ एस के बम्फर ट्रांसफर हुए हैं जिनमें सबसे चर्चित पुरोला डीएफओ कुन्दन कुमार हैं ।पुरोला टौंस वन प्रभाग की कुर्सी सम्भालते ही वे तुरन्त एक्सन मोड में आ गए।,क्योंकि गत वर्ष विभगीय अधिकारियों की मिलीभगत से सैकड़ों हरे देवदार के पेड़ों को काटा गया, जिसमें वन विभाग के डीएफओ ,रेंजरों सहित कई कर्मचारियों को आनन फानन में निलंबित किया गया।वन विभाग की जगह जगह आलोचना होती रही, उस सारे प्रकरण को संभालने के लिए तेज तर्रार अधिकारी कुन्दन कुमार को भेजा गया ताकि वह विभाग में वन संपदा की तस्करी को रोका जा सके।डीएफओ ने सारे तस्करों को ऐसा सबक सिखाया की सारे तस्कर तड़फने लगे।जनप्रतिनिधियों से आये दिन वबाल करवाते रहे।लेकिन डीएफओ अपने कार्यों में लगे रहे।
पूरे क्षेत्र में वन विभाग का पहला अधिकारी कुन्दन कुमार ने क्षेत्र के विकास के लिए सांद्रा रेंज में लकड़ी की समाधि स्थल को इको टूरिज्म में तब्दील कर उसका करोड़ों रुपये से सौन्दर्यकरण के अलग पहिचान बनाने में जुटे रहे।कमलेश्वर महादेव मंदिर के लिए जरमोला सड़क का चौड़ीकरण व मंदिर का सौन्दर्यकरण एवं मन्दिर से केदारकंठा तक पर्यटकों के लिये ट्रेक मार्ग जैसी योजनाओं को धरातल पर उतारने की कोशिश में लगे थे जो कि माफियाओं को रास नहीं आया।पूरी सरकार के नुमाइंदे डीएफओ के ट्रांसफर में लग गयी ।ईमानदारी का फल भले ही कुछ समय तक महसूस नहीं होता लेकिन दूरगामी परिणाम बहुत अच्छे होते हैं।सरकार जहां जीरो टारलेन्स की बात करती है वही अच्छे अधिकारियों को भी समझना होगा।दो साल में छह ट्रांसफर से साफ जाहिर है कि अच्छे कार्य करने वाले को सरकार न तो प्राथमिकता देती है ना ही उसे अच्छा काम करने देती है।