चकराता वन प्रभाग के मुख्यालय के पास रिवर रेंज की कालसी बीट में तस्करों ने हरे खैर के पेड़ों को काट डाला
चकराता – वन तस्कर बेखौफ होकर वनों को काट रहे हैं लेकिन वह विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को भनक तक नहीं लगती।मुखबिर की सूचना पर अधिकारियों की नींद खुलती है तो फिर जांच शुरू हो जाती है।चकराता वन प्रभाग में संरक्षित प्रजाति खैर के छह हरे पेड़ों को तस्करों ने काट डाला । वन विभाग को घटनास्थल से छह पेड़ों के ठूंठ मिले हैं। काटे गए पेड़ों की संख्या बढ़ भी सकती है।वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी जांच में जुट गए। विभाग को चकराता वन प्रभाग के मुख्यालय के पास रिवर रेंज की कालसी बीट में खैर के पेड़ों के अवैध कटान की सूचना मिली। वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। टीम को घटनास्थल पर खैर के पेड़ों के अवैध पातन के साक्ष्य मिले। तस्करों ने काटे गए पेड़ों के कुछ प्रकाष्ठ वहां से हटा दिए थे। टीम ने छह पेडों के अवैध कटान की पुष्टि की है। कालसी-चकराता मोटरमार्ग पर ध्वैरा के पास पेड़ों के अवैध पातन से वन प्रभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की निगरानी व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। स्थानीय निवासी राय सिंह, बबलू दास आदि ने बताया कि यह वन विभाग की निगरानी में चूक का नतीजा है। बताया कि वन प्रभाग में लगातार संरक्षित प्रजाति के पेड़ों की कटने के मामले सामने आ रहे हैं। डीएफओ अभिमन्यु ने बताया कि उन्हें पेड़ों के अवैध कटान की जानकारी नहीं है। बताया कि मौके पर टीम को भेजा जा रहा है। मामले की पुष्टि होने पर कार्रवाई की जाएगी।