प्रदेशभर के शिक्षकों ने इन विभिन्न मांगों को लेकर देहरादून की सड़कों पर निकाली रैली
देहरादून। प्रधानाचार्य के शत प्रतिशत पदों को पदोन्नति से भरने और पुरानी पेंशन बहाल करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर प्रदेशभर के शिक्षकों ने रैली निकालकर ताकत दिखाई। देहरादून की सड़कों पर शिक्षकों का हुजूम उमड़ा। ढोल, दमाऊ और रणसिंगा के साथ रैली में शामिल शिक्षकों ने कहा कि यदि जल्द सभी मांगों पर अमल नहीं हुआ तो इसके विरोध में 16 अक्तूबर को राज्यभर में शिक्षक ब्लॉक और जिला मुख्यालयों में धरना देंगे।
राजकीय शिक्षक संघ से जुड़े विभिन्न जिलों से देहरादून पहुंचे शिक्षकों ने परेड ग्राउंड से घंटाघर, बहल चौक, सुभाष रोड होते हुए वापस परेड ग्राउंड तक सरकार जागरण रैली निकाली। राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष राम सिंह चौहान ने कहा, लंबित मांगों को लेकर शिक्षक झूठे आश्वासन से मानने वाले नहीं हैं। जब तक सभी मांगें नहीं मान ली जाती शिक्षक छात्रहित को प्रभावित किए बिना आंदोलन जारी रखेंगे।
शिक्षक संघ के प्रांतीय महामंत्री रमेश पैन्यूली ने कहा, शिक्षकों की सभी मांगों पर समय रहते अमल किया जाए। इसमें देरी से शिक्षकों को कोर्ट जाने के लिए बाध्य होना पड़ रहा है। रैली में प्रांतीय उपाध्यक्ष राजकुमार चौधरी, संयुक्त मंत्री जगदीश बिष्ट, गढ़वाल मंडल अध्यक्ष श्याम सिंह सरियाल, कुमाऊं मंडल अध्यक्ष गोकुल मर्तोलिया, मंत्री रविशंकर गुसांई, पिथौरागढ़ से जिलाध्यक्ष भूपेंद्र सिंह भंडारी, मंत्री प्रवीण रावल, चंपावत से जिलाध्यक्ष जगदीश अधिकारी, मंत्री इंदूवर जोशी, देहरादून जिलाध्यक्ष कुलदीप कंडारी आदि शामिल रहे।
इनका मिला समर्थन
रैली को प्राथमिक शिक्षक संघ, जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ, अशासकीय माध्यमिक शिक्षक संघ, उत्तराखंड माध्यमिक शिक्षक संघ, पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन, पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा और सचिवालय कर्मचारियों ने समर्थन दिया। रैली में शामिल अशासकीय माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष संजय बिजल्वाण, महामंत्री महादेव मैठाणी, जिलाध्यक्ष अनिल नौटियाल, मनमोहन रौतेला, दीपक मिश्रा, चिंतामणि सेमवाल, जनार्दन बुडाकोटी एवं राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के प्रदेश महासचिव सीताराम पोखरियाल ने कहा,सरकार शिक्षकों की मांगों पर जल्द अमल करे।
शिक्षकों की कुछ प्रमुख मांगें
-यात्रा अवकाश बहाल किया जाए
-सहायक अध्यापक एलटी, प्रवक्ता और प्रधानाध्यापक के पदों पर पदोन्नति की जाए
-वेतन विसंगति को दूर किया जाए
-अधिक छात्र संख्या वाले इंटर कॉलेज में उप प्रधानाचार्य का पद सृजित किया जाए