उत्तराखंड

जिलाधिकारी ने गंगा एवं यमुना नदी को निर्मल बनाए रखने को अधिकारियों को दिये निर्देश

उत्तरकाशी – जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने जिला गंगा समिति की बैठक में गंगा एवं यमुना नदी को निर्मल बनाए रखने के लिए जिले में सीवेज प्रबंधन के लिए प्रस्तावित योजनाओं के लिए डीपीआर तैयार करने का कार्य तत्परता संपन्न करने के साथ ही गंगोत्री धाम में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के संचालन में तय मानकों का पूरी तरह से अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी ने नगरीय क्षेत्रों में कूड़े के समुचित प्रबंधन व लीगेसी कूड़े के निस्तारण पर विशेष ध्यान देने की हिदायत देते हुए कहा कि इस संबंध में हुई प्रगति की नियमित समीक्षा की जाएगी।

जिला गंगा समिति की कलक्ट्रेट वीसी कक्ष में संपन्न बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने जिले में गंगा व यमुना नदी के तटवर्ती नगरों, कस्बों व यात्रा पड़ावों में सीवेज प्रबंधन के लिए प्रस्तावित योजनाओं पर संबंधित विभागों व निकायों द्वारा अब तक की गई कार्रवाई की विस्तार से समीक्षा की। जिलाधिकारी ने जल संस्थान के अधिकारियों को कहा कि गंगोत्री के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का सही तरीके से संचालन कर निर्धारित मानकों का अनिवार्यरूप से अनुपालन किया जाय। उन्होंने उत्तरकाशी नगर के मौजूदा दो एमएलडी के एसटीपी की क्षमता विस्तार और जोशियाड़ा क्षेत्र स्थित वार्ड नंबर 8 एवं 9 के लिए मार्ग निर्माण सहित ड्रेनेज व सीवेज प्रबंधन की योजना की डीपीआर जल्द तैयार करने हेतु नगरपालिका, सिंचाई विभाग और गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के अधिकारियों को निर्देशित किया। गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई ऋषिकेश के परियोजना प्रबंधक ने बताया कि इस परियोजना की डीपीआर तैयार करने के लिए रू. 56 लाख की लागत का प्रस्ताव स्वीकृति के लिए भेजा जा चुका है। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता ने बताया कि प्रस्तावित ड्रेनेज परियोजना की डीपीआर बनाने के लिए धनराशि स्वीकृत हो चुकी है और कसलटेंट की नियुक्ति कर ली गई है। जिलाधिकारी ने चिन्यालीसौड़ में एफएसटीपी के लिए उप जिलाधिकारी को भूमि चिन्हित करने के निर्देश देने के साथ ही संबंधित विभागों व निकायों को जिले में विभिन्न जगहों पर प्रस्तावित सीवेज व सेप्टेज ट्रीटमेंट प्लांट्स के डीपीआर बनाने के कार्य प्राथमिकता से पूरा करने को कहा।
जिलाधिकारी ने जिले के सभी नगर निकायों को पुराने कूड़े के निस्तारण की कार्यवाही समयबद्ध रूप से पूरा करने और ठोस कूड़े के प्रबंधन के लिए कारगर व पर्याप्त व्यवस्थाएं सनिश्चित करने के साथ ही सफाई के लिए आवश्यक मशीनों, उपकरणों, टैंकर व वाहनों की खरीद करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गंगोत्री एवं यमुनोत्री क्षेत्र के कूड़े के निस्तारण पर विशेष ध्यान दिया जाय और जानकीचट्टी व गंगोत्री में निर्मित सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट को नियमित रूप से संचालित किया जाय। जिलाधिकारी ने गंगोत्री स्थित प्लांट को तुरंत नगर पंचायत को हस्तगत कराने के भी निर्देश दिए।
बैठक में गंगा व यमुना नदी को निर्मल बनाए रखने के लिए गंगा व यमुना घाटी के विभिन्न क्षेत्रों में जागरूकता कार्यक्रम संचालित किए जाने का भी निश्चय किया गया और विभिन्न अवसरों पर होने वाले वृक्षारोपण के लिए स्थानीय स्तर पर पौधों की उपलब्धता हेतु नर्सरियां तैयार किए जाने का भी सुझाव दिया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि वन विभाग के स्तर से नर्सरियां तैयार कराने के साथ ही स्वयं सहायता समूहों को भी इस काम से जोड़े जाने पर विचार किया जाएगा।
बैठक में प्रभागीय वनाधिकारी डीपी बलूनी, अपर जिलाधिकारी देवानंद शर्मा, उप जिलाधिकारी मुकेश चंद रमोला, जिला गंगा समिति के सदस्य लोकेन्द्र बिष्ट, अशोक सेमवाल, जय प्रकाश, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. बीएस पांगती, अधिशासी अभियंता सिंचाई केएस रावत, अधिशासी अभियंता जल संस्थान एलसी रमोला, अधिशासी अभियंता जल निगम मधुकांत कोटियाल, स्वजल के पर्यावरण विशेषज्ञ प्रताप मटूड़ा सहित विभिन्न विभागों व नगर निकायों के अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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