अपर सचिव को पुरानी पेंशन बहाली की माँग के लिए संगठन दिया मांग पत्र
देहरादून – पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन NMOPS उत्तराखंड की प्रांतीय कार्यकारिणी के द्वारा आनंद वर्धन
अपर मुख्य सचिव उत्तराखण्ड शासन से पुरानी पेंशन को लेकर भेट वार्ता की गयी जिसमें उत्तराखण्ड में राजकीय कार्मिकों को नई पेंशन योजना (NPS) / यूनिफाईड पेंशन योजना (UPS) के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना (OPS) से आच्छादित किये जाने के सम्बन्ध में अवगत कराया गया कि राजकीय कार्मिकों के लिए नयी पेंशन व्यवस्था के स्थान पर पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने के लिए पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आन्दोलन (NMOPS) के बैनर तले कई वर्षों से पूरे देश में आन्दोलन किया जा रहा है जिसको दृष्टिगत रखते हुये केन्द्र सरकार के द्वारा नई पेंशन योजना (NPS) के स्थान पर केन्द्रीय कर्मचारियों के लिए दिनांक 24.08.2024 को यूनिफाईड पेंशन योजना (UPS), जो 01 अप्रैल 2025 से लागू की जायेगी, की घोषणा की गयी है। जिसके क्रम में केंद्र सरकार द्वारा सभी राज्यों को इस योजना को अंगीकार/लागू करने की सलाह दी गयी है। संगठन एवं जाने माने विशेषज्ञों द्वारा यूनिफाईड पेंशन योजना (UPS) का अध्ययन एवं विश्लेषण किये जाने पर उक्त पेंशन योजना में निम्नलिखित कमियाँ दृष्टिगोचर हुई हैं :-
1. कार्मिकों द्वारा अपने वेतन से कटौती कर अंशदान के रूप में जमा की गयी 10 प्रतिशत की राशि को कार्मिकों को वापस नही किया जायेगा, जबकि पुरानी पेंशन व्यवस्था में यह राशि जी०पी०एफ० में जमा हो जाती थी, जो सेवानिवृत्ति या सेवा के दौरान कार्मिकों को वापस हो जाती थी।पुरानी पेंशन योजना के अन्तर्गत राज्य में 20 वर्ष की सेवा के पश्चात् पूरी पेंशन का प्राविधान था, जो अब 25 वर्ष की सेवा के पश्चात् प्राप्त होगा साथ ही यह भी अवगत कराना है कि उत्तराखण्ड की रोजगारपरक स्थिति को देखते हुये सरकारी सेवा में भर्ती की अधिकतम आयु 42 वर्ष है अर्थात् उत्तराखण्ड का अधिकतर कार्मिक वर्ग 18 से 24 वर्ष ही सेवा निष्पादित कर पाता है, जिससे यूनिफाइंड पेंशन योजना (UPS) से आच्छादित सम्बन्धित कार्मिकों को पूरी पेंशन का लाभ प्राप्त नहीं हो पायेगा।
2. यूनिफाईड पेंशन योजना (UPS) का संचालन केन्द्र एवं संबंधित राज्य सरकार द्वारा किये जाने का प्राविधान है या किसी एजेन्सी द्वारा किया जायेगा का स्पष्ट उल्लेख नहीं है।
3. एक ही राज्य में कार्मिकों (अधिकारी, कर्मचारी एवं शिक्षक) को 03 प्रकार की पेंशन प्राप्त होगी, यथा NPS, UPS तथा OPS, जो समानता के अधिकारों का अवक्रमण है, जिससे नैसर्गिक रूप से कार्मिकों के विभिन्न श्रेणियों में बंट जाने की प्रक्रिया होनी अवश्यंभावी है।
4. यूनिफाईड पेंशन योजना (UPS) में कार्मिकों को ग्रेज्यूटी में भी भारी नुकसान की सम्भावना है।
5. सेवानिवृत्ति के पश्चात् NPS तथा UPS में चिकित्सा प्रतिपूर्ति तथा अन्य सुविधाओं के प्राविधानों का स्पष्ट उल्लेख नहीं है।
NMOPS Uttrakhand की कार्यकारिणी ने माँग की कि उपर्युक्त तथ्यों को देखते हुये कार्मिकों को पेंशन एवं अन्य वित्तीय सेवा लाभों के नही प्राप्त होने के प्रति भारी आशंका है। पूर्व में भी भारत सरकार द्वारा जब नयी पेंशन योजना (NPS) प्रारम्भ की गयी थी, उसका प्रचार-प्रसार कर तत्समय कार्मिकों को, जो लाभकारी तथ्यों की जानकारी दी गयी थी, यथा कार्मिकों को करोडों रूपये मिलेंगें तथा अच्छी पेंशन प्राप्त होगी, लेकिन विगत 20 वर्षों में सेवानिवृत्त कार्मिकों के जो पेंशन प्रकरणों के दृष्टांन्त सामने आ रहे हैं, उनके प्रायोगिक विश्लेषण (आखिरी वेतन का 3-5 प्रतिशत राशि भी कार्मिकों को पेंशन के रूप में बमुश्किल प्राप्त हो रही है।
सरकारों को समय-समय पर अवगत कराया जाता रहा है, तथा साथ ही अन्तिम रूप से यह तथ्य और सत्य पाया गया है, कि यह योजना कार्मिकों के भविष्य को अंधकारमय कर रही है। नयी पेंशन योजना (NPS) के साथ ही यूनिफाईड पेंशन योजना (UPS) में भी कार्मिकों का भविष्य असुरक्षित है, क्योंकि कार्मिकों द्वारा किया गया अंशदान तथा अन्य सुविधायें कार्मिकों को प्राप्त नही होगीं। पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आन्दोलन (NMOPS) विगत कई वर्षों से पूरे देश के साथ-साथ उत्तराखण्ड राज्य में भी पुरानी पेंशन बहाली के लिए लगातार संघर्षरत है। उपर्युक्त तथ्यों के आलोक में संगठन द्वारा किये गये संघर्षों के परिणामस्वरूप कई प्रदेशों में पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल हो चुकी है. तथा हमारे पड़ोसी राज्य हिमांचल में भी सभी कार्मिक पुरानी पेंशन व्यवस्था से आच्छादित हो गये हैं।
पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आन्दोलन (NMOPS) ने प्रदेश के लगभग 01 लाख कार्मिकों के भविष्य को दृष्टिगत रखते हुये पुरानी पेंशन बहाली की माँग की गयी। वार्ता में प्रदेश अध्यक्ष जीत मणी पैन्युली, महामंत्री मुकेश रतूड़ी, शांतनु शर्मा सूर्य सिंह पवार पुष्कर राज बहुगुणा सुनील गोसाई महिला प्रदेश अध्यक्ष उर्मिला द्विवेदी, उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनियर महासंघ के प्रांतीय अध्यक्ष इं. एस.एस. चौहान, उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनियर संघ सिंचाई विभाग के प्रदेश अध्यक्ष इं. अनिल पंवार,दिनेश सिंह, शरद टम्टा, अनीता भंडारी, हर्षवर्धन जमलोकी आदि उपस्थित रहे।