राष्ट्रीय

प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड के लोगों से पांच और यहां आने वाले पयर्टकों के सामने चार यानि कुल नौ आग्रह किया

देहरादून – उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रैतिक परेड में वीडियो संदेश के दौरान कहा कि आज नौ नवंबर है। नौ का अंक शुभ माना जाता है। यह शक्ति का प्रतीक होता है। इसलिए आज वो उत्तराखंड के लोगों से पांच और यहां आने वाले पयर्टकों के सामने चार यानि कुल नौ आग्रह किया –

1-बोली भाषा का संरक्षण
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आपकी गढ़वाली, कुमाऊंनी, जौनसारी सहित सभी बोलियां बेहद समृद्ध हैं। इनका संरक्षण बेहद जरूरी है। इसलिए उत्तराखंड के लोग आने वाली पीढ़ियों को अपनी बोली भाषा जरूर सिखाएं, उत्तराखंड की पहचान के लिए भी यह जरूरी है।

2-एक पेड़ मां के नाम
उत्तराखंड के लोग प्रकृति और पर्यावरण प्रेमी हैं। यह गौरा देवी की भूमि है। यहां हर महिला मां नंदा का रूप है। इसलिए यह बहुत आवश्यक है कि हम प्रकृति की रक्षा के तहत एक पेड़ मां के नाम पौधरोपण करें। जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए यह बेहद जरूरी है।

3-स्वच्छ जल
उत्तराखंड में नौलों -धारों की पूजा किए जाने की परंपरा है। इसलिए आप सभी अपने नौलों, धारों को संरक्षित करते हुए, पानी की स्वच्छता के सभी अभियानों को गति देने का प्रयास करेंगे।

4-गांव में जड़ों से जुड़ाव
उत्तराखंड के लोग अपने गांव में आना-जाना बनाते हुए, जड़ों से जुड़े रहें। खासकर रिटायरमेंट के बाद गांव में समय जरूर बिताएं। इससे गांवों के साथ आपके संबंध मजबूत होंगे।

5-तिबारी वाले घरों को संवारें
उत्तराखंड के लोग अपने गांव में पुराने तिबारी वाले घरों को बचाने और संरक्षित करने के लिए भी आगे आएं। पुराने घरों को होम स्टे में बदलकर, आय का साधन बना सकते हैं।

पयर्टकों से अपील

6-सिंगल यूज प्लास्टिक से बचें

पर्यटक के रूप में आप जब भी आप हिमालय की गोद में जाएं, स्वच्छता को सबसे उपर रखें। इस सोच के साथ जाएं कि पहाड़ में सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं करना है।

7-वोकल फॉर लोकल

पहाड़ों में घूमने फिरने के दौरान वोकल फॉर लोकल याद रखें। अपनी यात्रा का कम से कम पांच प्रतिशत खर्च स्थानीय उत्पादों को खरीदने में करें।

8-यातायात के नियम अपनाएं

आप जब भी पहाड़ों पर जाएं, वहां के ट्रैफिक नियमों का पालन करें। सावधान रहें, हर किसी का जीवन अमूल्य है।

9-तीर्थों की मर्यादा का पालन करें

धार्मिक स्थलों पर स्थानीय रीति-रिवाजों और नियम कायदों का पालन करते हुए, वहां की मर्यादा का ध्यान रखें। इस बारे में उत्तराखंड के लोगों की मदद ले सकते हैं।

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