उत्तराखंड

धारा 166,167 अंतर्गत शेष बची 200 बीघा भूमि पर भी कब्जा वापसी शुरू-  डीएम

लगभग 900 बीघा भूमि पर जिला प्रशासन ने लहराया अपना परचमः

प्रदेश के बाहर के व्यक्तियों द्वारा देहरादून में बिना अनुमति भूमि क्रय या अनुमति लेकर क्रय भूमि का उचित उपयोग न करने पर जिला प्रशासन की बड़ी कार्रवाई।

बीघों के बीघों पर अनुमति विपरित कंस्ट्रक्शन या बंजर करने पर प्रशासन फ्रंटफुट पर

धारा 166,167 अंतर्गत शेष बची 200 बीघा भूमि पर भी कब्जा वापसी शुरू-  डीएम

भू नियम की शक्तियों का इस्तेमाल कर भू-कपट दुस्साहस, भ्रष्टता को धराशायी करता जिला प्रशासन

15 जुलाई तक सभी जमीनों पर होगी प्रशासन की परचम।

राज्य की भूमि का जन समृद्धि के लिए ही हो उपयोग इसके लिए प्रशासन प्रतिबद्ध -डीएम

राज्य भू-कानून के उल्लंघन यानि हमारी अधिकारिक जिम्मेदारी का उल्लंघन

राज्य सम्पति का उपयोग राज्य की समृद्धि के मा0 मुख्यमंत्री के संकल्प को धरातल पर उतारता जिला प्रशासन

900 बीघा भूमि ऑलरेडी कर ली हैं निहित

कोर्ट कार्य की गई फास्ट ट्रेकः डीएम

166, 167 की कार्यवाही सिर्फ नोटिस तक सीमित नहीं,

प्रशासन है जनसंपत्ति का अभिरक्षकः डीएम

जिले में लगभग 260 प्रकरणों पर कार्यवाही करते हुए 900 बीघा भूमि सरकार में निहित

लगभग 75 प्रकरण गतिमान 200 बीघा भूमि शेष, जिस पर 30 दिन के भीतर निस्तारण का है लक्ष्य

सरकार लैंडस्केम को लेकर संवेदनशील, उच्च प्राथमिकता पर रखकर कार्य करें अधिकारीः

समन तामिली में ना हो समय बर्बाद, समाचार पत्रों में प्रकाशित कराएं विज्ञप्ति

पर्याप्त सुनवाई का अवसर दे दिया है तो अंतिम आदेश रोकने का कोई अवसर नहींः डीएम

धारा 166,67 के वादों का त्वरित करें निस्तारण लंबित न रखें तिथि लगाकर करें निस्तारित

पटवारी की रिपोर्ट सीधे न भेंजे अपनी संस्तुति लिखे एसडीएम/ तहसीलदारः

सरकारी कार्य में बाधा डालने वाले अधिकारी कार्मिक के विरूद्ध सख्त एक्शन।

देहरादून  – जिलाधिकारी सविन बसंल की अध्यक्षता आज ऋषिपर्णा सभागार कलेक्टेªट में उत्तर प्रदेश जमीदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम की धारा 154, 4(3) क, ख एवं बिना अनुमति के 250 वर्ग मी0 से अधिक भूमि क्रय के उल्लंघन के प्रकरणों में गतिमान धारा 166/167 की कार्यवाही पर अद्यतन प्रगति की समीक्षा बैठक आयोजित की गई।
जिलाधिकारी ने समस्त उप जिलाधिकारियों एवं तहसीलदारों को निर्देशित किया कि उत्तर प्रदेश जमीदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम की धारा 154, 4(3) क, ख एवं बिना अनुमति के 250 वर्ग मी0 से अधिक भूमि क्रय के उल्लंघन के प्रकरणों में गतिमान धारा 166/167 की कार्यवाही पर लगाकर त्वरित निस्तारण कराएं। उन्होंनें कहा कि सरकार लैंडस्केम मामलों संवेदनशील है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि शमन तामिली प्रक्रिया हो त्वरित करें समाचार पत्रों में विज्ञप्ति प्रकाशित कराते हुए कार्यवाही तामिली कराएं, पर्याप्त अवसर देने तथा सुनवाई करने के उपरान्त निर्णय लें इस कार्यवाही में समय न लगाएं।
मुख्यमंत्री के निर्देशों पर बाहरी व्यक्ति जिन्होंने नियमों का उल्लंघन करके और तथ्य छुपाकर देहरादून एवं उसके आसपास के इलाकों में भूमि क्रय की है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। इन लोगों ने अन्य कार्यों के लिए अनुमति लेकर भूमि का उपयोग होमस्टे या फार्म हाउस आदि बनाकर अपने ऐशोआराम व अन्य कार्यों के लिए किया जा रहा है। जिससे उत्तराखंड के नागरिकों को जहां भूमि नहीं मिल रही है और दूसरी ओर भूमि के दाम आसमान छू रहे है। कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशों पर ऐसे लोगों की भूमि राज्य सरकार में निहित करने की कार्रवाई की जा रही है। देवभूमि की सांस्कृतिक विरासत को बचाने और पर्यावरण संरक्षण एवं राज्य के नागरिकों के हित में मुख्यमंत्री के दिशा निर्देशन में उत्तराखंड में नया भू-कानून लागू किया गया है। सख्त भू-कानून लागू होने से अनियंत्रित भूमि खरीद और बिक्री पर रोक लगी है। मुख्यमंत्री के निर्देशों पर जिला प्रशासन इसमें पूरी सजगता से काम कर रहा है।
ज्ञातब्य है कि धारा 154, 4(3) क, ख एवं बिना अनुमति के 250 वर्ग मी0 से अधिक भूमि क्रय के उल्लंघन के प्रकरणों में गतिमान धारा 166/167 के मामलों लगभग 260 से अधिक मामलों पर कार्यवाही करते हुए 900 बीघा भूमि राज्य सरकार में निहित कर ली है तथा लगभग 75 से 80 प्रकरण लम्बित हैं जिनमें 200 बीघा भूमि शेष है पर 30 दिन में सुनवाई पूर्ण करते हुए निस्तारण का लक्ष्य रखा गया है। जिले में उत्तराखण्ड उत्तरप्रदेश जमीदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम की धारा 154 के कुल प्रकरण अन्तर्गत अन्तर्गत 260 प्रकरणों पर कार्यवाही करते हुए 900 बीघा भूमि राज्य सरकार में निहित की गई।
मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में भू कानून को लेकर जिला प्रशासन सक्रिय। जिलाधिकारी सविन बसंल ने समस्त उप जिलाधिकारियों को अपनी-अपनी तहसील अन्तर्गत धारा 154 (4)(3)(क) और 154 (4)(3)(ख), 166/167 के उल्लंघन के शेष मामलों पर त्वरित कार्यवाही के निर्देश दिए गए है।
लगभग 900 बीघा भूमि पर जिला प्रशासन ने लहराया अपना परचम लहरा दिया है। प्रदेश के बाहर के व्यक्तियों द्वारा देहरादून में बिना अनुमति भूमि क्रय या अनुमति लेकर क्रय भूमि का उचित उपयोग न करने पर जिला प्रशासन की बड़ी कार्रवाई। बीघों के बीघों पर अनुमति विपरित कंस्ट्रक्शन या बंजर करने पर प्रशासन फ्रंटफुट परधारा 166,167 अंतर्गत शेष बची 200 बीघा भूमि पर भी कब्जा वापसी शुरू कर दी है। भू नियम की शक्तियों का इस्तेमाल कर भू-कपट दुस्साहस, भ्रष्टता को धराशायी करता जिला प्रशासन। 15 जुलाई तक सभी जमीनों पर होगी प्रशासन परचम की तैयार कर ली है। डीएम ने कहा कि राज्य की भूमि का जन समृद्धि के लिए ही हो उपयोग; इसके लिए प्रशासन प्रतिबद्ध है। राज्य भू-कानून के उल्लंघन यानि हमारी अधिकारिक जिम्मेदारी का उल्लंघन है। राज्य सम्पति का उपयोग राज्य की समृद्धि के मा0 मुख्यमंत्री के संकल्प को जिला प्रशासन धरातल पर उतार रहा है। 900 बीघा भूमि ऑलरेडी कर ली हैं निहित कर ली गई है। डीएम ने कोर्ट कार्य की गई फास्ट ट्रेक करने के निर्देश दिए। जिला प्रशासन है जनसंपत्ति का अभिरक्षक बन कार्यवाही कर रहा है। जिले में लगभग 260 प्रकरणों पर कार्यवाही करते हुए 900 बीघा भूमि सरकार में निहित कर ली गई है। लगभग 75 प्रकरण गतिमान 200 बीघा भूमि शेष, जिस पर 30 दिन के भीतर निस्तारण का है लक्ष्य रखा गया है। जिलाधिकारी ने कहा कि सरकार लैंडस्केम को लेकर संवेदनशील, उन्होंने उच्च प्राथमिकता पर रखकर कार्य करने के अधिकारियों को निर्देश दिए है। डीएम ने समन तामिली में ना हो समय बर्बाद, समाचार पत्रों में विज्ञप्ति प्रकाशित कराते हुए तेजी से कार्यवाही के निदेश दिए है। डीएम ने कहा कि पर्याप्त सुनवाई का अवसर दे दिया है तो अंतिम आदेश रोकने का कोई अवसर नहीं हैं कार्यवाही करें। उन्होंने धारा 166,67 के वादों का त्वरित करें निस्तारण लंबित न रखें तिथि लगाकर करें निस्तारित करने के निर्देश दिए।

जिलाधिकारी ने समस्त उप जिलाधिकारियों तहसीलदारों को वसूली बढाने तथा अपनी-अपनी तहसील के 10 बड़े बकायेदारों वसूली की कार्यवाही करने के निर्देश दिए। विविध देय वसूली देहरादून अन्तर्गत 30.84 प्रतिशत्, विकासनगर 14.51 प्रतिशत, ऋषिकेश 20.26 प्रतिशत् त्यूनी 7.87 प्रतिशत, कालसी 3.43 प्रतिशत्, चकराता 03 प्रतिशत् डोईवाला 11.93 प्रतिशत् रही, जिस पर वसूली बढाने के निर्देश दिए। साथ राजस्व अमीनों के साथ निरंतर बैठक करते हुए राजस्व वसूली योजना के अन्तर्गत कार्यवाही कर राजस्व वसूली बढाएं। जिलाधिकारी ने तहसील अन्तर्गत पीएम किसान योजना अन्तर्गत अंश निर्धारण के निर्देश दिए।
बैठक में अपर जिलधिकारी प्रशासन जयभारत सिंह, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व के.के मिश्रा, उप जिलाधिकारी सदर हरिगिरि, डोईवाला अपर्णा ढौंडियाल, मुख्यालय अपूर्वा सिंह, उप जिलाधिकारी विकासनगर विनोद कुमार, उप जिलाधिकारी न्याय कुमकुम जोशी, तहसीलदार सदर सुरेन्द्र देव, तहसीलदार चमन सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे तथा उप जिलाधिकारी ऋषिकेश योगेश मेहर, तहसीलदार चकराता/त्यूनी सुशीला कोठियाल वचुअल माध्यम से जुड़े रहे।

 

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