उत्तराखंड

जाखणीधार तहसील को अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पेटब में शिफ्ट किए जाने के आदेश के खिलाफ ग्रामीणों का धरना चौथे दिन भी जारी

टिहरी – जनपद टिहरी के पेटब गांव में विधायक के प्रति भारी रोष व्याप्त है। पूरे क्षेत्र में इस तुगलकी फरमान का पुरजोर विरोध किया जा रहा है, मातृ शक्ति और प्रबुद्ध नागरिको मांग है कि भाजपा सरकार और स्थानीय विधायक अपने “तुगलकी फरमान” को वापस ले और अस्पताल को अस्पताल रहने दिया जाय इसमें तहसील शिफ्ट ना की जाय। विधायक को ग्रामीणों के साथ अभद्र व्यवहार नहीं करना चाहिए था इस बात का ग्रामीणों में भारी रोष है, वे विधायक से बिना देरी के माफी की मांग कर रहे है।
धरने पर बैठे ग्रामीणों को आज कांग्रेस जिलाध्यक्ष राकेश राणा प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता शान्ति प्रसाद भट्ट, बालकृष्ण रतूड़ी ने समर्थ दिया है धरना स्थल से कांग्रेस जिलाध्यक्ष राकेश राणा और शांति प्रसाद भट्ट ने कहा कि ” सरकार को अपने इस तुगलकी फरमान को तत्काल वापस लेना चाहिए, जब विगत 21वर्षों से तहसील सुचारू रूप से चल रही है तो उसे अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत क्यों पड़ रही है, नेता द्वये ने तंज कसते हुए कहा की क्या तहसील बीमार हो गई जो उसे अस्पताल में दाखिल करना पड़ रहा है, या नितिनियंताऔ का स्वास्थ्य ठीक नहीं है सरकार को चाहिए था कि “पेटब कोशियार अखोडीसैण मार्ग का चौड़ीकरण/सुधारीकरण/डामरीकरण किया जाता जिससे तहसील मार्ग की सुगमता बढ़ती।
अतरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पेटब को अपग्रेट किया जाता मानकों के अनुरूप यहां पूरा स्टाफ लाया जाता।
किंतु बीजेपी की सरकार और विधायक जी यह कार्य क्यों नहीं कर रहे और क्यों तहसील को शिफ्ट करने पर तुले है।टिहरी जाखणीधार तहसील को अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र(Aphc ) पेटब के भवन में शिफ्ट करने का हो रहा पुरजोर विरोध
ग्रामीणों का आरोप
अस्पताल भवन के अंदर भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक कर रहे थे विधायक जनता ने किया विरोध कहा यह भाजपा का कार्यालय नहीं है! फिर भागे भाजपाई!
जाखणीधार तहसील का भवन और स्टाफ क्वाटर्स जो कि कोशियार नामक स्थान पर निर्मित है, यह संपूर्ण भूमि ग्राम पेटब कि महान थाती ने व्यापक जनहित में निशुल्क दान दी थी। किंतु इस कार्यालय को APhc पेटब के भवन में शिफ्ट किया जा रहा है!
जाखणीधार के निकट ग्राम पेटब में ही अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र Aphc के अस्पताल भवन के लिए भी ग्राम पेटब की महान थाती ने व्यापक जनहित में निशुल्क भूमि दान की थी। किंतु इस अस्पताल में सुविधाएं बढ़ाने इसे PhC या Chc में अपग्रेट करने के बजाय विधायक इसके अस्तित्व को ही खत्म करने पर तुले है, चुकीं इसी अस्पताल भवन में वह तहसील कार्यालय शिफ्ट कर रहे है, मतलब खाता खतौनी को अस्पताल में भर्ती कर रहे है।
भाजपा की सरकार और टिहरी विधायक और उनके चट्टे बट्टे तुगलकी फरमान सुनाकर अस्पताल में तहसील शिफ्ट कर रहे है,और कैसा स्वास्थ्य मंत्री है जो अस्पताल भवन में तहसील शिफ्ट करने की अनुज्ञा दे रहा है।
इतनी बड़ी तहसील बिल्डिंग का क्या होगा? क्या यह भूतिया होगी? यह क्या उनका अपमान नहीं है जिन्होंने दो दो प्रतिष्ठानों के लिए अपने बहुमूल्य भूमि दान दी थी?
. एक जनप्रतिनिधि का कर्तव्य होता है, कि वह अपने क्षेत्र के अस्पताल में इंफ्रास्ट्रक्च जैसे एक्सरे, अल्ट्रासाउंड, पैथोलॉजी, टीकाकरण, हाईटेक एंबुलेंस,दवाईया सहित काबिल डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ को बढ़ाए।
स्थानीय लोगों को जिन्होंने अपनी बेशकीमती भूमि दान दी उनके परिजनों और उस ग्राम के बेरोजगारो को प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रोजगार उपलब्ध कराए।
सच्चाई यह है कि दस सालों से भाजपा की सरकार डेढ़ किलोमीटर की सड़क जो ” *पेटब से कोशियार अखोडीसैण मार्ग”* का सुधारिकरण/डामरीकरण नहीं कर पाई है, और यही सड़क है जो तहसील मुख्यालय तक जाती है, इसकी स्थिति अत्यंत जीर्ण र्शीर्ण है कभी भी कोई अनहोनी इस मार्ग पर घटित हो सकती है, किंतु शासन प्रशासन ने इस मार्ग की कोई सुध नहीं ली है, ना ही टिहरी विधायक इस मार्ग के पुनर्निर्माण के लिए चिंतित है! इसलिए सड़क ठीक करने के बजाय तहसील को ही शिफ्ट करने का निर्णय लिया गया, जिसका जनता में भारी विरोध हो रहा है।
आज धरने पर सावित्री देवी प्रधान पेटब किशोर लाल पूर्व प्रधान,मस्तराम पेटवाल, मंगलानंद पेटवाल, गुणानन्द, महावीर प्रसाद, अजय पेटवाल, रमेश पेटवाल, संजय पेटवाल, सुषमा, अमृता देवी, बीना देवी, कस्तूरी लाल शिवी देवी, दिनेश प्रसाद,रीना देवी, पारस, जयदेव, राजेंद्र प्रसाद, कृपाराम , बृजादेवी, सुशीला देवी आदि शामिल रहे।

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