उत्तराखंड

सद्गुरु जैसा इस दुनिया में और न कोई मीत है, प्रीत जहां की झूठी साधो सांची गुरू की प्रीत है

देहरादून- निरंकारी सत्संग भवन वायपास हरिद्वार रोड में विशाल जनसमूह को सम्बोधित करते हेमराज शर्मा ने कहा कि दुनिया में सद्गुरु जैसा कोई मीत नहीं है। संसार में जो कुछ भी दिख रहा है हम उससे ही प्रेम कर रहे हैं जो कि सब झूठ हैं। संसार की वस्तुऐं सब यहीं छूट जानी है।यदि प्रेम करना है तो परमात्मा से करो । परमात्मा से भी प्रेम तभी हो पायेगा जब उसे देख पायेगा। परमात्मा को देखने के लिए भी गुरु की जरूरत होती है। बिना गुरु के दर्शन नहीं हो सकते।धरती पर हर युग में सद्गुरु ने ही परमात्मा के दर्शन कराये।

उन्होंने कहा कि- गुरू ज्ञान से निरंकार को जाना है पहचाना है। इससे इकमिक हो जाना ही असल में इसको पाना है।
गुरू ही इस निरंकार के दर्शन करवाता है। दर्शन करने मात्र से इसका आनन्द नही लिया जा सकता। जैसे यदि हमें बहुत प्यास लगी हो समाने पानी भी रखा हो।हम बार उसे देख भी रहे हैं और जान भी रहे हैं।कितनी ही प्रशंसा भी कर रहे हैं फिर भी प्यास बुझने वाली नही है।जब तक हमाने पानी को पिया नहीं ।पानी को पीते ही प्यास बुझ जाती है उसी तरह परमात्मा का ज्ञान होने के बाद उसको अपने जीवन में धारण करने से ही जीवन में आनन्द आता है।आज निरंकारी मिशन कोई अलग धर्म नही चला रहा है बल्कि धर्म हमें क्या सीखाते हैं उस पर चलने की सिख से रहे हैं।पूरा संसार भगवान को तो मान रहा है ,भगवान की कोई नहीं मान रहा है।

निरंकारी मिशन हर धर्म, हर मजहब, हर मुल्क को प्यार प्रेम से जोड़ना चाह रहा है।आज जो झगड़े हैं वू इसलिए हो रहे हैं कि हर एक अपने को ऊंचा दिखना चाहता है। सद्गुरु माता सुदीक्षा महाराज हर इन्सान को प्यार प्रेम के सूत्र में पिरोने का काम कर रही है।देश भर में मिशन की निःस्वार्थ सेवाओं से सरकार भी बहुत प्रभावित है।सरकारी जन सेवाओं में भी मिशन बढ़चढ़ कर अपनी सेवाएं देता रहता है। देहरादून के ब्रांच संयोजक नरेश बिरमानी ने कहा हरियाणा की धरती समालखा में तीन दिन का विशाल इंटरनेशनल निरंकारी सन्त समागम अक्टूबर 28 से30 तक होगा। जिसमें हर देश के लोगों का आपसी प्रेम का जीता जागता उदाहरण देखने को मिलेगा।सगतों में हजारों भक्तों ने सत्संग का लाभ लिया।

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