परमात्मा को पाकर ही जीवन में शुकुन आयेगा -सद्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज
जिसकी भक्ति जिसकी पूजा उसका ज्ञान जरूरी है।
कहे हरदेव कि पहले ईश्वर की पहचान जरूरी है।
देहरादून – इस चराचर जगत में भक्ति का महत्व अत्यधिक है जो भक्ति परमात्मा को जानकर की जाती है वही सार्थक होती है सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने विशाल निरंकारी सत्संग भवन बाईपास देहरादून में अपने भक्तों को पावन दर्शन देते हुए कहे उन्होंने भक्ति, सुकून, समर्पण, दया, करुणा के भाव को व्यक्त करते हुए अपनी अमृत वाणी में फरमाया कि ब्रह्म ज्ञान प्राप्त करके ही इंसानियत और रूहानियत जैसे गुण इंसान के जीवन में उजागर होते हैं
इंसानी जन्म अगर प्राप्त हुआ है तो जीवन में ब्रह्म ज्ञान प्राप्त करने के बाद ही यह मानवीय गुण आते हैं जब परमात्मा के दर्शन हो जाते हैं तभी जीवन मे अध्यात्मिकता आती है । संसार में कुछ भी सदा रहने वाला नहीं है अगर कुछ रहेगा तो केवल यह परमात्मा, यही शास्वत सत्य है। जिस प्रकार सूरज की रोशनी हर समय भरपूर होती है लेकिन धुंध होने के कारण आगे रास्ता नजर नहीं आता इसी प्रकार जीवन में अज्ञानता और अंधविश्वास आने पर भी कि परमात्मा पर विश्वास नहीं टिकता और मनों में नफरतें उत्पन्न हो जाती है भौतिक सुखों के लिए इंसान कोई नई वस्तु खरीदता है तो शुरू में कुछ समय पर उसकी बहुत कदर करता है लेकिन जब वह पुरानी होने लगती है तो फिर लापरवाही बरतने लगता है ,धीरे धीरे उसमे शुकुन नहीं मिलता,शुकुन तो केवल परमात्मा के मिलने से ही प्राप्त होता है सन्त जहां अपने परिवार की जिम्मेदारी बखूबी निभाता है वहीं समाज को भी प्रेम बंटता चला जाता है।
निरंकारी भक्तो को कड़क गर्मी में हुआ ठंडक का एहसास अपने सतगुरु के दर्शन पाकर
*अपने सद्गुरु के आगमन पर निरंकारी भक्तो ने बैंड बजे ढोल बजा कर हर्षो उल्लास से स्वागत किया। इस समागम के मुख्य आकर्षण रहे गढ़वाली, पंजाबी, कुमाऊनी, अंग्रेजी और हिंदी भाषिये एवम अपनी अपनी भेष भूषा मे गीतों व आध्यात्मिक प्रवचनों के मध्यम से अपने सद्गुरु का आशीर्वाद प्राप्त करके साध संगत को निहाल किया ।
सेवा दल के भाई बहनों ने समस्त सेवाएं पंडाल, ट्रैफिक, प्याऊ, लंगर को सुंदर रूप दिया ।
स्थानीय संयोजक ने इस निरंकारी संत समागम मे पधारे सद्गुरु माता सुदिक्षा जी महाराज व निरंकारी राजपिता जी का विशेष रूप से अभिवादन करते हुए समस्त मानव परिवार का धन्यवाद किया ।