असम के चुनावी दौरे से पीएम मोदी ने कुछ इस तरह किए रामलला के ‘सूर्य तिलक’ के दर्शन
नई दिल्ली। अयोध्या में रामनवमी के अवसर पर ढेरों तैयारियां की गई हैं। अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामलला की ये पहली रामनवमी है। इस मौके पर रामलला की विशेष पूजा अर्चना की गई। इसके बाद रामलला के दिव्य सूर्य तिलक का अद्भुत नजारा भी देखने को मिला। असम के चुनावी दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) भी इस दुर्लभ क्षण के साक्षी बने। पीएम मोदी ने सूर्य तिलक का अद्भुत नजारा हेलिकॉप्टर में देखा और खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी भी दी। दरअसल, जब राम मंदिर में रामलला का ‘सूर्य तिलक’ समारोह हो रहा था उस समय प्रधानमंत्री मोदी असम के नलबाड़ी में एक चुनावी जनसभा को संबोधित कर रहे थे। जनसभा के तुरंत बाद उन्होंने हेलिकॉप्टर में बैठकर अपने टैब में उस अद्भुत पल में रामलला का दर्शन किया। खास बात यह रही कि जिस समय PM रामलला के सूर्य तिलक का अद्भुत क्षण देख रहे थे, उस समय उनके पैर में जूते नहीं थे।
After my Nalbari rally, I watched the Surya Tilak on Ram Lalla. Like crores of Indians, this is a very emotional moment for me. The grand Ram Navami in Ayodhya is historic. May this Surya Tilak bring energy to our lives and may it inspire our nation to scale new heights of glory. pic.twitter.com/QqDpwOzsTP
— Narendra Modi (@narendramodi) April 17, 2024
पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, ‘नलबाड़ी की सभा के बाद मुझे अयोध्या में रामलला के सूर्य तिलक के अद्भुत और अप्रतिम क्षण को देखने का सौभाग्य मिला। श्रीराम जन्मभूमि का ये बहुप्रतीक्षित क्षण हर किसी के लिए परमानंद का क्षण है। ये सूर्य तिलक, विकसित भारत के हर संकल्प को अपनी दिव्य ऊर्जा से इसी तरह प्रकाशित करेगा।
अत्याधुनिक वैज्ञानिक तकनीक का इस्तेमाल करके 5.8 सेंटीमीटर प्रकाश की किरण से रामलला के मस्तक को रोशन किया गया। इसके लिए एक विशेष उपकरण डिजाइन किया गया था. रामनवमी पर इस शुभ आयोजन की सफलता सुनिश्चित करने के लिए 10 वैज्ञानिकों की एक टीम राम मंदिर में तैनात थी।दोपहर 12 बजे से लगभग 3 से 3.5 मिनट तक, दर्पण और लेंस के संयोजन का उपयोग करके सूर्य की रोशनी को रामलला के माथे पर सटीक रूप से निर्देशित किया गया।
वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR)-सीबीआरआई रुड़की के वैज्ञानिक डॉ. एस के पाणिग्रही ने बताया कि ‘सूर्य तिलक परियोजना के तहत हर साल चैत्र माह में श्री रामनवमी पर दोपहर 12 बजे से भगवान राम के मस्तक पर सूर्य की रोशनी से तिलक किया जाएगा और हर साल इस दिन आकाश पर सूर्य की स्थिति बदलती है।’ उन्होंने बताया कि रामलला के मस्तक के केंद्र पर तिलक लगाने की सही अवधि लगभग तीन से साढ़े तीन मिनट है, जिसमें दो मिनट पूर्ण रोशनी होती है।