ब्लॉग

व्लादीमीर पुतिन की चालें

रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की। कहा कि मोदी एक ऐसे मजबूत नेता हैं, जिनके बारे में यह सोचना कठिन है कि वे किसी से डरेंगे। उन्होंने जोड़ा कि मोदी एक ऐसे नेता हैं, जो अपने राष्ट्र हित पर कभी समझौता नहीं कर सकते। कूटनीति विशेषज्ञों ने इस टिप्पणी के समय पर गौर किया है। यह बयान उस समय दिया गया है, जब खालिस्तानी उग्रवादी गुरपतवंत सिंह पन्नूं के मामले में अमेरिका लगातार भारत पर दबाव बढ़ा रहा है। इस मामले में न्यूयॉर्क के फेडरल कोर्ट में अभियोग की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, जबकि बड़े अमेरिकी अधिकारियों ने इस बारे में सख्त बयान दिए हैँ। इसी सिलसिले में अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई के निदेशक की भारत यात्रा भी हो रही है। इस अवसर पर मोदी की निडरता और राष्ट्र हित के प्रति उनकी निष्ठा की चर्चा अमेरिका के नंबर एक निशाना पुतिन करें, तो जाहिर है, उसके अर्थ निकाले जाएंगे। बहरहाल, व्यवहार में पुतिन लगातार ऐसी नीतियां अपना रहे हैं, जो नरेंद्र मोदी सरकार को कतई पसंद नहीं आएंगी।

चीन से उनकी निकटता को जग-जाहिर है, अब पाकिस्तान के साथ भी रूस की गांठ मजबूत हो रही है। यहां तक कि पाकिस्तान के ब्रिक्स में शामिल होने की अर्जी देने का एलान उसके मास्को स्थित राजदूत ने किया। बताया जाता है कि रूस ने इस प्रयास में समर्थन देने का आश्वासन पाकिस्तान को दिया है। इस पृष्ठभूमि में अगर कूटनीति विशेषज्ञों ने पुतिन की टिप्पणी को प्रधानमंत्री मिजाजपुर्सी के रूप में देखा है, तो ऐसा करने का आधार बनता है। पिछले कुछ समय से रूस और चीन की रणनीति यह रही है कि भारत को अमेरिकी खेमे में जाने से जिस हद तक रोकना संभव हो, उतना किया जाए। इसके तहत चीन भी सार्वजनिक बयानों में मोदी या भारत के खिलाफ सख्त टिप्पणियों से बचता रहा है, जबकि सीमा पर उसका व्यवहार बिल्कुल उलट है। संकेत हैं कि पुतिन भी उसी रणनीति का पालन कर रहे हैं। चूंकि भारत रूस का एक बड़ा बाजार भी है, तो पुतिन ने अधिक सकारात्मक जुबानी रुख अपनाया हुआ है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!