उत्तराखंड

बद्रीनाथ धाम में विदेशी मूल के व्यक्ति को शीतकाल में साधना करने पर उठे विरोध के स्वर

केदारनाथ गर्भ गृह सोना प्रकरण की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज से कराए राज्य सरकार

चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत ने मूल निवास महारैली को समर्थन दिया

बद्रीनाथ एवं केदारनाथ धाम में शीतकाल में मानवीय गतिविधि पर रोक लगे

देहरादून। उत्तराखंड चार धाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत ने 24 दिसम्बर की मूल निवास व सशक्त भू कानून को लेकर होने वाली महारैली को समर्थन दिया है। आज हुई बैठक में महापंचयत ने भू कानून समन्वय समिति समिति के आह्वान पर आयोजित रैली को समर्थन देने का निर्णय लिया। उक्रांद समेत कई सामाजिक संगठन व लोक कलाकार महारैली के समर्थन में उतर रहे हैं। इधर, गुरुवार को चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत ने देहरादून स्थित तुलसी प्रतिष्ठान में बैठक कर कई फैसले लिए।

बैठक में इस यात्रा काल की समीक्षा के साथ केदारनाथ धाम के गर्भ गृह का सोना प्रकरण, बद्रीनाथ एवं केदारनाथ धाम में गतिमान मास्टर प्लान के कार्यों से समस्याओं के समाधान के अलावा चारों धामों की अनादि काल से स्थापित पौराणिक परंपराओं के साथ खिलवाड़ पर चिंता जताई। बैठक में वक्ताओं ने केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह में सोना प्रकरण पर सरकार की ढुलमुल नीति पर नाराजगी व्यक्त की। और इस प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच उच्च न्यायालय के सिटिंग जज से कराने व समिति में केदार सभा के तीर्थ पुरोहित को भी शामिल किए जाने की मांग की गई है।

बद्रीनाथ धाम मे कुबेर गली का जल्दी निर्माण किया जाय। बद्रीनाथ एवं केदारनाथ धाम में शीतकाल में मानवीय गतिविधि पर रोक लगाई जाने की मांग की गई है। अनादिकाल से चली आ रही परंपराओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बद्रीनाथ धाम में एक विदेशी मूल के व्यक्ति को शीतकाल में साधना के लिए अनुमति दिए जाने पर भी स्थानीय प्रशासन की कार्य शैली पर सवाल उठाया गया। धामों के गर्भ गृह की वीडियोग्राफी एवं फोटोग्राफी पर शक्ति से प्रतिबंध लगाया जाय।

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